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31 दिसंबर बैंक लॉकर एग्रीमेंट को रिन्यू करने की आखिरी तारीख, जानें आपको क्या करना होगा

लॉकर एलॉटमेंट के समय, बैंक ग्राहक के साथ एक एग्रीमेंट करते हैं, जिस पर दोनों पक्ष साइन करते हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 15, 2023 | 4:05 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 दिसंबर, 2023 की अंतिम तारीख के साथ बैंक लॉकर एग्रीमेंट के लिए फेज में रिन्यूवल प्रोसेस अनिवार्य कर दी है। जिन अकाउंट होल्डर्स ने 31 दिसंबर, 2022 को या उससे पहले बैंक लॉकर एग्रीमेंट जमा किया था, उन्हें एक रिवाइज एग्रीमेंट साइन करके अपनी संबंधित बैंक ब्रांच में जमा करना होगा।

लॉकर एलॉटमेंट के समय, बैंक ग्राहक के साथ एक एग्रीमेंट करते हैं, जिस पर दोनों पक्ष साइन करते हैं। बैंक ऑरिजिनल एग्रीमेंट को उस ब्रांच में रखता है जहां लॉकर स्थित है, जबकि लॉकर किराए पर लेने वाले को एक डुप्लिकेट कॉपी देता है।

वैसे बैंक एग्रीमेंट के रिन्यूवल के लिए नोटिफिकेशन भेजता है लेकिन फिर भी यदि आपको अपने एग्रीमेंट के रिन्यूवल के बारे में पता नहीं हैं, तो लेटेस्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए कस्टमर केयर के माध्यम से या ब्रांच में जाकर अपने बैंक से संपर्क करें।

बैंकों को अपनी वेबसाइटों पर एग्रीमेंट और रिन्यूवल के बारे में विवरण शेयर करना आवश्यक है। अपडेटेड लॉकर एग्रीमेंट के लिए अपने बैंक की साइट देखें। एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई जैसे प्रमुख बैंकों ने पहले ही अपने संशोधित एग्रीमेंट ऑनलाइन पोस्ट कर दिए हैं।

आरबीआई के अनुसार, यह बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे उस जगह की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करें जहां सुरक्षित डिपॉजिट वॉल्ट रखे गए हैं। बैंकों को अपनी कमियों, लापरवाही या किसी चूक/कमीशन के कारण होने वाली आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती, डकैती और इमारत ढहने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

प्राकृतिक आपदाओं या दैवीय कृत्यों, जैसे बाढ़, तूफान, भूकंप और बिजली के कारण लॉकर में रखी सामग्री की किसी भी क्षति या हानि के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं हैं। हालांकि, बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने लॉकर सिस्टम को ऐसी आपदाओं से बचाने में उचित सावधानी बरतें। आरबीआई ने कहा कि लॉकर में रखे सामान को किसी भी तरह की हानि या क्षति के लिए ग्राहक जिम्मेदार होगा, अगर यह उनकी गलती या लापरवाही के कारण होता है।

ऐसे मामलों में जहां बैंक लॉकर की सामग्री के किसी नुकसान या क्षति के लिए जिम्मेदार पाए जाते हैं, वे ग्राहक को मुआवजा देने के लिए बाध्य हैं। लॉकर और जिस परिसर में वे रखे गए हैं, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना बैंक का फर्ज है। आरबीआई ने कहा कि ग्राहक को हस्ताक्षरित लॉकर एग्रीमेंट के माध्यम से अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जानने का अधिकार है।

First Published : December 15, 2023 | 4:05 PM IST