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अब ITR-U भरने के लिए मिलेगा 4 साल का समय, CBDT ने फॉर्म किया नोटिफाई

ITR-U: यह रिटर्न उन लोगों के लिए है जिन्होंने या तो समय पर ITR नहीं भरा या फिर गलतियों के साथ भरा है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 20, 2025 | 3:26 PM IST

ITR-U:  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स अपडेटेड रिटर्न फॉर्म (ITR-U) को लेकर नया फॉर्म अधिसूचित कर दिया है। यह बदलाव बजट 2025 में प्रस्तावित संशोधनों के तहत किया गया है। नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गए हैं।

अब तक, टैक्सपेयर्स को संबंधित असेसमेंट ईयर (आकलन वर्ष) के समाप्त होने के बाद 24 महीनों के भीतर ही अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की अनुमति मिलती थी। लेकिन अब इस अवधि को बढ़ाकर 48 महीने यानी चार साल कर दिया गया है। इसका मतलब है कि करदाता अब दो साल अतिरिक्त समय में भी अपने रिटर्न में सुधार कर सकते हैं।

ITR-U: किसे और कब भरना चाहिए? जानिए डीटेल्स

यदि आपने आयकर रिटर्न समय पर नहीं भरा या आय में कोई गलती रह गई है, तो अब चिंता की जरूरत नहीं है। आयकर विभाग ने इसके लिए ITR-U (अपडेटेड रिटर्न) का विकल्प दिया है। यह रिटर्न उन लोगों के लिए है जिन्होंने या तो समय पर ITR नहीं भरा या फिर गलतियों के साथ भरा है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि ITR-U कौन भर सकता है, कब भर सकता है और इसकी अंतिम तिथि क्या है।

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कौन भर सकता है ITR-U?

ITR-U वह व्यक्ति भर सकता है जिसने—अपनी आय सही तरीके से रिपोर्ट नहीं की हो, समय पर आयकर रिटर्न (ITR) नहीं भरा हो, गलत हेड (heads of income) चुना हो, गलत टैक्स दर (tax rate) लागू की हो।

* ध्यान रखें, यदि आपने पहले से ITR भरा है तो ITR-U भरते समय उसका एक्नॉलेजमेंट नंबर देना जरूरी है।

ITR-U कब भरा जा सकता है?

आप ITR-U उस आकलन वर्ष (Assessment Year) के खत्म होने के बाद ही भर सकते हैं। उदाहरण से समझें:

  • वित्त वर्ष 2024-25 (FY 2024-25) के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है।
  • यदि आप 31 दिसंबर 2025 तक भी ITR नहीं भरते, तो फिर आप 1 जनवरी 2026 से ITR-U के जरिए अपडेटेड रिटर्न भर सकते हैं।

ITR-U भरने की समयसीमा क्या है?

आप ITR-U आकलन वर्ष के खत्म होने के बाद 48 महीने (यानी 4 साल) तक भर सकते हैं। उदाहरण:

  • वित्त वर्ष 2024-25 का आकलन वर्ष है 2025-26, जो 31 मार्च 2026 को खत्म होगा।
  • इस हिसाब से, ITR-U भरने की आखिरी तारीख होगी 31 मार्च 2030।

ITR-U क्यों जरूरी है?

ITR-U उन लोगों के लिए एक अहम मौका है जो किसी वजह से समय पर अपना आयकर रिटर्न (ITR) नहीं भर पाए हैं या जिन्होंने रिटर्न तो भरा, लेकिन उसमें कोई गलती रह गई है। ऐसे मामलों में सरकार टैक्सपेयर्स को अपनी टैक्स फाइलिंग सुधारने का एक अतिरिक्त अवसर देती है। ITR-U के जरिए आप अपने रिटर्न में सुधार कर सकते हैं और गलतियों को ठीक करके पेनाल्टी या कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं। यह सिस्टम पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और करदाताओं को जिम्मेदारी से अपनी आय की सही जानकारी देने का अवसर प्रदान करती है।

लेट ITR-U फाइल करने पर लगेगा भारी जुर्माना: नियम जानें

अगर आप समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं कर पाए हैं, तो परेशान न हों, आप अपडेटेड रिटर्न यानी ITR-U के जरिए इसे बाद में भी भर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना भरना होगा, जो देरी के हिसाब से बढ़ता जाएगा।

इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक:

  • अगर आप असेसमेंट ईयर खत्म होने के 12 महीने के अंदर ITR-U फाइल करते हैं, तो आपको टैक्स और ब्याज के कुल हिसाब पर 25% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
  • अगर आप यह रिटर्न 12 से 24 महीने के बीच फाइल करते हैं, तो 50% अतिरिक्त शुल्क लगेगा।
  • 24 से 36 महीने के बीच फाइल करने पर 60% और 36 से 48 महीने के बीच फाइल करने पर 70% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

जब आप ITR-U फाइल करते हैं, तो आपको ड्रॉप-डाउन मेन्यू से सही समयावधि चुननी होती है। रिटर्न सबमिट करने के बाद इसकी वेरिफिकेशन भी जरूरी है, ठीक वैसे ही जैसे सामान्य ITR के साथ होता है।

इसलिए, अगर आपने समय पर ITR नहीं भरा है, तो ITR-U का विकल्प जरूर चुनें, लेकिन जुर्माने की जानकारी जरूर रखें ताकि आप सही फैसला ले सकें।

First Published : May 20, 2025 | 3:15 PM IST