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Fake GST Bill से आज भी हो रही है परेशानी, इन आसान तरीकों से चेक करें बिल फेक है या असली

धोखाधड़ी वाले कुछ दुकानदार GSTIN यानी जीएसटी आईडेंटिफिकेशन नंबर की जगह अपने बिल पर VAT/TIN और सेंट्रल सेल्स टैक्स नंबर्स दिखा रहे हैं

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 20, 2024 | 10:50 AM IST

Identify Fake GST Bill: केंद्र सरकार ने साल 2017 जीएसटी बिल को लागू किया था। टैक्स चोरी को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था। लेकिन आजी भी कई जगहों पर जीएसटी चोरी और फेक बिल्स के मामले सामने आते रहते हैं। जीएसटी धोखाधड़ी (GST Bill Scam) का सबसे बड़ा हिस्सा नकली चालान बिल्स के जरिए होता है। ऐसे में जो ये बहुत जरूरी है कि जो लोग बिजनेस कर रहे हैं, उन लोगों को जीएसटी बिल (GST Bill) की पहचान करना आता हो। क्योंकि बीते समय में जीएसटी धोखाधड़ी के मामलों में बढ़त देखने को मिल रही है। तो आइये जानते हैं कि असली और फर्जी जीएसटी बिलों की पहचान कैसे करें?

GST इनवॉयस क्या है?

सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि आखिर जीएसटी इनवॉयस क्या है। जीएसटी इनवॉयस एक तरह का बिल होता है। उदाहरण के तौर पर जैसे आपने कहीं से कोई सामान खरीदा या सर्विस ली तो सप्लायर आपके उस सामान या सर्विस का बिल देगा। इस बिल में सप्लायर का नाम, प्रोडक्ट की जानकारी, खरीद की तारीख, डिस्काउंट और बाकी जानकारी होती है। मोटे-मोटे तौर पर बोलें तो इससे पता चलता है कि सप्लायर ने ग्राहक को क्या सामान, कितने पैसे में दिया है और उस पर कितना टैक्स लगा है।

कई ऐसे मामले सामने आ रहे है जिनमें GST के नाम पर ग्राहकों को नकली बिल दिया जा रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो धोखाधड़ी वाले कुछ दुकानदार GSTIN यानी जीएसटी आईडेंटिफिकेशन नंबर की जगह अपने बिल पर VAT/TIN और सेंट्रल सेल्स टैक्स नंबर्स दिखा रहे हैं और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST) और स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (SGST) चार्ज कर रहे हैं।

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जबकि, किसी भी बिजनेस में ग्राहकों को दिए गए बिल पर GSTIN दिखाना अनिवार्य है। वे बिल पर VAT, TIN या सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन नंबर दिखाकर GST नहीं वसूल सकते। यहां पर यह भी ध्यान रखने की बात है कि सभी दुकानदारों और बिजनेस के लिए अभी ये जरूरी नहीं है कि वो GST के लिए रजिस्टर्ड हों और GSTIN नंबर प्राप्त करें।

फेक जीएसटी बिल को कैसे पहचानें?

फेक जीएसटी बिल को पहचानने का आसान तरीका है उसका जीएसटी नंबर । बिल पर 15 डिजिट का जीएसटी नंबर होता है। इस नंबर के पहले दो डिजिट में स्टेट कोड (State Code) होता है और बाकी के 10 डिजिट में सप्लायर या दुकानदार का पैन नंबर होता (Pan Number) है। वहीं, 13वां डिजिट पैन धारक की इकाई होता है और 14वां स्थान पर ‘Z’और आखिरी में ‘checksum digit’ होता है।

दूसरा तरीका फेक बिल को चेक करने का है जीएसटी वेबसाइट। यहां पर भी आप बिल को चेक कर सकते हैं। इसके लिए GST की आधिकारिक पोर्टल https://www.gst.gov.in/ पर जाकर वहां पर जीएसटीआईएन (GSTIN) नंबर की जांच के लिए ‘सर्च टैक्सपेयर’ को चुनें।अगर जीएसटीआईएन सही है, तो आपको उसके डिटेल पोर्टल पर मिल जाएंगे और अगर नहीं मिलता है तो फिर समझ लीजिये कि वह फेक नंबर है।

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जीएसटी फ्रॉड के लिए कहां शिकायत करें?

अगर आपके पास कभी फेक जीएसटी बिल आ जाता है तो आप जीएसटी के अधिकारिक पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा आप cbecmitra.heldesk@icegate.gov.in पर मेल करके शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

First Published : February 20, 2024 | 10:50 AM IST