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Gold Price Outlook: क्या गोल्ड होगा और सस्ता, चीन की खरीदारी पर टिकी सबकी नजर

चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की खरीदारी पर जो ब्रेक लगा है उसका असर फिलहाल कीमतों पर देखा जा रहा है।

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अजीत कुमार   
Last Updated- June 12, 2024 | 1:29 PM IST

Gold Price Outlook: पिछले डेढ़ साल यानी 2022 के आखिर से गोल्ड (gold) की कीमतें तकरीबन 50 फीसदी बढ़ी हैं। मई यानी पिछले महीने तो कीमतें अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई। लेकिन पिछले शुक्रवार से इसमें तेज गिरावट आई है। घरेलू बाजार में फिलहाल सोना 71 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,300 डॉलर प्रति औंस के आस-पास है। इस तरह से देखें तो मई के रिकॉर्ड हाई से गोल्ड तकरीबन 5 फीसदी नीचे आया है।

कीमतों में मौजूदा गिरावट की क्या है वजह?
जानकारों के अनुसार चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की खरीदारी पर जो ब्रेक लगा है उसका असर फिलहाल कीमतों पर देखा जा रहा है। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल मई के दौरान चीन के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं देखा गया। जबकि इससे पहले लगातार 18 महीने तक चीन के गोल्ड रिजर्व में इजाफा देखा गया था। अप्रैल के दौरान चीन का गोल्ड रिजर्व 2 टन बढ़कर 2,264 टन पर पहुंच गया था। अक्टूबर 2022 की तुलना में यह तकरीबन 319 टन यानी 16.5 फीसदी ज्यादा है। हालांकि चीन के गोल्ड रिजर्व में यह 18 महीने की सबसे कम बढ़ोतरी थी। सोने की कीमतें भी इसी दौरान यानी अक्टूबर 2022 के बाद तकरीबन 50 फीसदी बढ़ी हैं।

चीन के केंद्रीय बैंक ने 2023 के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 225 टन का इजाफा किया था। 1977 के बाद किसी एक वर्ष में चीन के केंद्रीय बैंक की ओर से की गई यह सबसे अधिक खरीदारी है। इसी वर्ष से चीन के केंद्रीय बैंक ने अपने गोल्ड रिजर्व को लेकर जानकारी साझा करना भी शुरू किया था।

अमेरिका में अनुमान से बेहतर आए नौकरी के आंकड़ों से भी सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। इन मजबूत आंकड़ों के मद्देनजर यूएस में सितंबर में रेट में कटौती की संभावना कमोबेश क्षीण पड़ गई है।

क्या फिर खरीदारी शुरू करेगा PBoC ?

कुछ जानकार बताते हैं कि कीमतों में नरमी आने के बाद चीन का केंद्रीय बैंक एक बार फिर से खरीदारी शुरू कर सकता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के सीईओ डेविड टेट के मुताबिक फिलहाल चीन का केंद्रीय बैंक कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहा है। यदि कीमतें 2,200 डॉलर प्रति औंस से नीचे आती है तो चीन का केंद्रीय बैंक फिर से खरीदारी शुरू कर सकता है।

क्यों चीन की खरीदारी रखेगी मायने?

आने वाले समय में भी चीन की खरीदारी सोने की चाल को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी। 2023 से सोने की चाल पर गौर करें तो यह बात स्पष्ट हो जाती है।2022 के आखिर से सोने की कीमतों में तेजी अमेरिका में ब्याज दरों के उच्च स्तर पर बने रहने, यूएस डॉलर इंडेक्स व यूएस बॉन्ड यील्ड में मजबूती के बावजूद आई।

यूएस डॉलर इंडेक्स  – प्रदर्शन 

1 महीने : +0.89%
3 महीने : +2.42%
इस साल अभी तक (YTD) : +3.89%
1 साल: +2.26%

(Source: Bloomberg)

इतना ही नहीं इस अवधि में ईटीएफ यानी इन्वेस्टमेंट डिमांड में भी सुस्ती रही। इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि अप्रैल 2023 से लेकर अप्रैल 2024 तक लगातार 12 महीने ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ से निकासी दर्ज की गई। तो प्रश्न उठता है कि आखिर इन सारे बेसिक फैक्टर्स के सपोर्टिव नहीं होने के बावजूद भी सोने की कीमतों ने क्यों दम दिखाया। इसका उत्तर है चीन की तरफ से निकल रही सोने की मांग। यह मांग न सिर्फ चीन के आम लोगों की तरफ से निकल रही हैं बल्कि वहां के केंद्रीय बैंक भी सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

जानकार बताते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था में जिस तरह से सुस्ती आई है उसकी वजह से वहां आम निवेशकों का भरोसा रियल एस्टेट और इक्विटी में टूट गया है। परिणामस्वरूप लोग गोल्ड में जमकर पैसा लगा रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023 के दौरान चीन में गोल्ड ज्वैलरी की मांग 2022 के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 630 टन पर जा पहुंची। इसी अवधि के दौरान गोल्ड bars और coins की मांग में तो 28 फीसदी तक का इजाफा देखा गया।

वहीं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के मद्देनजर बदलते भू-राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर चीन अपने रिजर्व फंड में विविधता लाने और अमेरिकी डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सोना खरीद रहा है। वैसे भी चीन एक दशक से अधिक समय से अपनी अमेरिकी ट्रेजरी होल्डिंग्स में कमी ला रहा है। चीन की अमेरिकी ट्रेजरी होल्डिंग्स 2021 में तकरीबन $1.1 ट्रिलियन थी जो मार्च 2024 तक घटकर 775 बिलियन डॉलर रह गई। इससे पहले जब चीन ने अतीत में अपनी सोने की हिस्सेदारी बढ़ाई तो उसने रॅन्मिन्बी (चीन की करेंसी युआन जिसे रॅन्मिन्बी नाम से भी जाना जाता है) का उपयोग करके घरेलू स्तर पर खरीदारी की। लेकिन 2022 के बाद चीन का केंद्रीय बैंक बैंक सोना खरीदने के लिए विदेशी मुद्राओं खासकर यूएस डॉलर का उपयोग कर रहा है ताकि अमेरिकी डॉलर और अन्य मुद्राओं में देश का एक्सपोजर कम किया जा सके।

चीन सहित दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की खरीदारी में तेजी खासकर उस समय से आई जब से अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के तहत वहां की डॉलर होल्डिंग्स को फ्रीज करने का कदम उठाया। कुछ जानकारों की मानें तो इन प्रतिबंधों की वजह से मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की साख को धक्का लगा है और केंद्रीय बैंक अपने होल्डिंग्स को डायवर्सिफाई करने के साथ-साथ अपने रिजर्व की सिक्योरिटी के लिए भी मजबूर हुए हैं।

यदि चीन का केंद्रीय बैंक निकट भविष्य में सोने की खरीदारी से परहेज करता है तो कीमतों पर दबाव जारी रह सकता है। लेकिन यदि चीन में सोने की कंज्यूमर डिमांड मजबूत बनी रहती है, यूएस में ब्याज दर में कटौती को लेकर कोई स्पष्ट संकेत आते हैं और ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो आगे भी देखने को मिलता है तो कीमतें एक बार फिर तेजी पकड़ सकती हैं। पिछले महीने यानी मई 2024 में 12 महीने के आउटफ्लो के बाद गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो देखने को मिला था।

कीमतों को लेकर क्या है ट्रेंड ?

घरेलू फ्यूचर मार्केट में 22 मई 2024 को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड बनाया था। इंट्राडे ट्रेडिंग में बेंचमार्क जून फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 74,442 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। फिलहाल एमसीएक्स पर सोने का बेंचमार्क अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 71,000 से थोड़ा ऊपर कारोबार कर रहा है।

इजरायल पर हमास के हमले से ठीक पहले MCX पर सोने का बेंचमार्क फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट 5 अक्टूबर 2023 को 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चला गया था।

घरेलू हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी सोना फिलहाल 71 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) आज यानी 11 जून को शुरुआती कारोबार में 71,192 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। जबकि 23 मई 2024 को सोना 24 कैरेट(999) 74,222 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया था।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल सोना 2,300 डॉलर प्रति औंस के करीब है। पिछले शुक्रवार को कीमतों में 83 डॉलर यानी 3.5 फीसदी की तेज गिरावट देखी गई थी। नवंबर 2020 के बाद सोने की कीमतों में यह सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। ग्लोबल मार्केट में 22 मई 2024 को स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2,449.89 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इसी तरह बेंचमार्क यूएस जून गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX Jun′24) भी 21 मई 2024 को कारोबार के दौरान 2,454.2 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक चला गया था।

मई में गोल्ड की कीमतों में तकरीबन 2.5  फीसदी की तेजी दर्ज की गई। जबकि इस वर्ष गोल्ड ने अभी तक तकरीबन 13 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

एक साल में गोल्ड का प्रदर्शन

मई 2023:      -1.38%

जून 2023:      -2.23%

जुलाई 2023:    +2.36%

अगस्त 2023:    -1.28%

सितंबर 2023:   -4.83%

अक्टूबर 2023:   +7.06%

नवंबर 2023:      +2.61%

दिसंबर 2023:     +1.30%

जनवरी 2024:      -1.14%

फरवरी 2024:      +0.23%

मार्च 2024:           +8.69%

अप्रैल 2024:         +2.50%

मई 2024:             +2.45%

(Source: Bloomberg/WGC)

First Published : June 11, 2024 | 5:47 PM IST