भारतीयों ने कोविड महामारी के बाद पैदा हुई फाइनेंशियल चुनौतियों (Financial Challenges) को अन्य देशों की तुलना में बेहतर तरीके से मैनेज किया है। इप्सोस कॉस्ट ऑफ लिविंग मॉनिटर सर्वे में यह कहा गया है।
सर्वे के अनुसार, भारतीय लेकिन महंगाई (Inflation) के बढ़ रहे दबाव को लेकर चिंतित हैं। सर्वे में शामिल उत्तरदाताओं में से 22% को डर है कि अगले वर्ष उनकी खर्च योग्य इनकम घट जायेगी। वहीं, 62 प्रतिशत से ज्यादा भारतीयों को खाने-पीने की कीमतों में वृद्धि की आशंका है।
इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अदारकर ने कहा, ”अपनी आबादी और घरेलू कंजप्शन की वजह से भारतीय ज्यादातर बाजारों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। महंगाई के मामले में भी भारत को सबसे निचले पायदान पर रखा गया है। सर्वे में ज्यादातर भारतीयों ने फाइनेंशियल चुनौतियों का अच्छे तरह से मुकाबला करने या हैंडल करने का भरोसा जताया है।
उन्होंने कहा, ”सरकार की गरीबों के लिए मुफ्त राशन, सस्ती दवाएं, तेल की कीमतों पर नियंत्रण, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य जैसी योजनाओं ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और जनता को फायदा मिला। इन योजनाओं ने लोगों के रहन-सहन के उच्च खर्च को झेलने में बड़ी भूमिका निभाई।”
महामारी के बाद भारतीय आर्थिक रूप से कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं?
सर्वे के अनुसार, 19% भारतीयों ने कहा है कि वे आराम से अपना जीवन बीता रहे हैं। 34% ने कहा कि सब ठीक ठाक चल रहा है जबकि 20% ने माना कि वो किसी तरह समय काट रहे हैं। वहीं, 20% भारतीयों ने कहा है कि उनके लिए खर्चों को बनाए रखने मुश्किल हो रहा है।
इसके अलावा 40 प्रतिशत शहरी भारतीयों को लगा कि वे 2020 की तुलना में आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति में हैं, जब कोविड-19 महामारी चरम पर थी। जबकि 25 प्रतिशत ने कोई बदलाव नहीं देखा और 19 प्रतिशत ने माना कि उनकी स्थिति और खराब हो गई है।
महंगाई की चिंता बरकरार
सर्वे से पता चलता है कि भारतीय महंगाई (Inflation) को लेकर सतर्क रहते हैं और 45 प्रतिशत लोगों ने संदेह व्यक्त किया है कि यह कभी भी सामान्य स्थिति में लौटेगी।
हालांकि, 20 प्रतिशत को उम्मीद है कि महंगाई अगले साल के बाद स्थिर हो जाएगी। 12 प्रतिशत को एक वर्ष के भीतर महंगाई के सामान्य होने की उम्मीद है। जबकि 9 प्रतिशत को छह महीने, 6 प्रतिशत को तीन महीने और 7 प्रतिशत का मानना है कि यह पहले ही स्थिर हो चुकी है।
अलग-अलग राय होने के बावजूद शहर में रहने वाले ज्यादातर भारतीयों (54%) को अगले साल महंगाई के बढ़ने की आशंका है। वहीं, 65% वैश्विक नागरिकों का मत है कि अगले साल और बढ़ सकती है।
आरबीआई के सर्वे में भी महंगाई बड़ा मुद्दा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नवंबर के सर्वे के मुताबिक भारतीय परिवारों को लगता है कि आगे महंगाई और बढ़ेगी। इसके साथ ही कमजोर सेंटीमेंट के चलते कंज्यूमर्स के आत्मविश्वास को भी झटका लगा है। नवंबर के सर्वेक्षण के दौरान मौजूदा महंगाई को लेकर परिवारों की औसत धारणा में 30 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई और यह 8.4 प्रतिशत हो गई जो सितंबर 2024 के सर्वेक्षण के चरण के दौरान 8.1 फीसदी थी।