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ITR filing deadline: असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए लेट या रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR file) की आज (15 जनवरी 2025) आखिरी तारीख है। पहले यह 31 दिसंबर 2024 थी, लेकिन CBDT ने इसे 15 दिन का एक्सटेंशन दिया ताकि टैक्सपेयर्स को फाइलिंग के लिए ज्यादा समय मिल सके।
31 जुलाई 2024 तक ITR फाइल करने वाले लोग अगर अपनी फाइलिंग में कोई सुधार या बदलाव करना चाहते हैं, तो वे रिवाइज्ड ITR फाइल कर सकते हैं। रिवाइज्ड ITR उन मामलों में फाइल की जाती है, जब पहले से भरे गए फॉर्म में कोई गलती हो या कुछ बदलाव करना हो।
इसके अलावा, असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए जिन लोगों ने समय पर ITR फाइल नहीं किया है, वे आज लेट फीस के साथ अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। यह मौका उन लोगों के लिए है, जो अब तक अपने टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं।
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अगर आप 31 जुलाई 2024 की आखिरी तारीख पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने से चूक गए हैं, तो आप अभी भी देर से रिटर्न भर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जुर्माना देना होगा:
इसके अलावा, यदि आपके ऊपर कोई बकाया टैक्स है, तो आपको सेक्शन 234A के तहत ब्याज भी देना पड़ सकता है। यह ब्याज 1% प्रति माह या महीने के हिस्से के हिसाब से मूल अंतिम तिथि (31 जुलाई 2024) से लेकर रिटर्न फाइल करने की तारीख तक लागू होगा।
अगर आप 15 जनवरी तक अपना ITR फाइल नहीं करते हैं, तो आप आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न फाइल या रिवाइज्ड करने का मौका खो देंगे। ITR न फाइल करने पर आयकर विभाग की ओर से नोटिस आने के साथ-साथ जुर्माना भी लग सकता है।
अपनी आय, कटौतियां और टैक्स पेमेंट की डिटेल्स ध्यान से चेक करें ताकि कोई गलती न हो।
जल्दी फाइलिंग के लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल का ही इस्तेमाल करें। जल्दबाजी में किसी और साइट के जरिए ITR फाइल करने से बचें ।
फाइलिंग से पहले पेंडिंग टैक्स और उससे जुड़ी ब्याज या पेनल्टी का भुगतान जरूर कर लें।
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सरकार ने पर्सनल इनकम टैक्स के लिए पुरानी और नई कर व्यवस्था के तहत अलग-अलग टैक्स स्लैब निर्धारित किए हैं। आइए समझते हैं दोनों व्यवस्थाओं के बीच अंतर:
पुरानी कर व्यवस्था:
2.5 लाख रुपये तक की आय: टैक्स नहीं लगेगा (शून्य)
2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय: 5% टैक्स
5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय: 20% टैक्स
10 लाख रुपये से अधिक आय: 30% टैक्स
धारा 87ए के तहत 5 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्सपेयर्स 12,500 रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं।
नई कर व्यवस्था:
3 लाख रुपये तक की आय: टैक्स नहीं लगेगा (शून्य)
3 लाख से 7 लाख रुपये तक की आय: 5% टैक्स
7 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय: 10% टैक्स
10 लाख से 12 लाख रुपये तक की आय: 15% टैक्स
12 लाख से 15 लाख रुपये तक की आय: 20% टैक्स
नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तिगत आय पर 75,000 रुपये तक की मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की सीमा रखी गई है।