पीपीएफ (PPF) यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) आम निवेशकों के बीच निवेश का एक बेहद सुरक्षित और लोकप्रिय विकल्प है।मौजूदा अप्रैल-जून तिमाही के लिए सरकार ने पीपीएफ पर ब्याज दर को 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा है। अप्रैल 2020 के बाद से पीपीएफ पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार पीपीएफ सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं पर हर तिमाही ब्याज दरों का निर्धारण करती है।
ट्रिपल टैक्स बेनिफिट (इन्वेस्टमेंट, इंटरेस्ट और मेच्योरिटी पर टैक्स में छूट) इस लॉन्ग-टर्म बचत योजना को और भी आकर्षक बनाते हैं। PPF में एक वित्त वर्ष में निवेश की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है। यदि इस स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको ओल्ड टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80C के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है।
इन्हीं वजहों से आम निवेशक पीपीएफ (PPF) में निवेश को तरजीह देते हैं। हालांकि ज्यादातर निवेशकों को इस स्कीम से जुड़ी कुछ अहम बातों जैसे आंशिक निकासी (partial withdrawal), समय से पहले खाते को बंद करने यानी प्रीमैच्योर क्लोजर… के बारे में जानकारी नहीं होती। इसलिए आज बात पीपीएफ से आंशिक निकासी और प्रीमैच्योर क्लोजर की।
PPF से आंशिक निकासी कब?
लॉक-इन पीरियड यानी मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद पूरी रकम (मूलधन + ब्याज) निकाली जा सकती है। पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड जिस वित्त वर्ष आपने खाता खुलवाया है, उस वित्त वर्ष की समाप्ति से लेकर 15 वर्ष है। मान लीजिए अगर आपने फरवरी 2023 में खाता खुलवाया है तो मैच्योरिटी फरवरी 2038 में नहीं बल्कि 1 अप्रैल 2038 को होगी।
लेकिन मैच्योरिटी पीरियड से पहले भी आंशिक निकासी के प्रावधान हैं। खाता जिस वित्त वर्ष में खुला है, उस वित्त वर्ष की समाप्ति के 5 वित्त वर्ष बाद ही आंशिक निकासी की जा सकती है। अगर आपने फरवरी 2023 में खाता खुलवाया है तो आंशिक निकासी 2028-29 में ही की जा सकती है, क्योंकि वित्त वर्ष की गणना 2023-24 से होगी। पूरे 5 वित्त वर्ष 2027-28 में पूर्ण होंगे। यानी इसके बाद ही आंशिक निकासी की अनुमति होगी।
PPF से आंशिक निकासी की सीमा कितनी?
आंशिक निकासी को लेकर दो गणनाएं (calculations) हैं। दोनों में जो कम होगा, अधिकतम उतनी ही राशि की निकासी की जा सकती है।
गणना 1 : जिस वित्त वर्ष में आप निकासी कर रहे हैं, ठीक उसके पहले वित्त वर्ष के अंत में उपलब्ध बैलेंस राशि का अधिकतम 50 फीसदी। अगर आप 2028-29 में निकाल रहे हैं तो 2027-28 के अंत यानी 31 मार्च 2028 को उपलब्ध बैलेंस का 50 फीसदी।
गणना 2 : निकासी वाले वर्ष से ठीक चार वित्त वर्ष पहले उपलब्ध बैलेंस का 50 फीसदी। अगर आप 2028-29 में निकाल रहे हैं तो ठीक चार वित्त वर्ष (2027-28, 2026-27, 2025-26, 2024-25) पहले यानी मार्च 31, 2025 को जो बैलेंस उपलब्ध होगा, उसका 50 फीसदी।
अगर इस पीरियड में आपने लोन लिया है और उसे लौटाया नहीं है तो वह राशि भी उपरोक्त दोनों गणनाओं में से जो कम होगी, उसमें से घटा दी जाएगी। ध्यान रहे एक वित्त वर्ष में सिर्फ एक बार ही आंशिक निकासी (या तो एकमुश्त या किस्तों में) की जा सकती है।
एक्सटेंशन पीरियड में आंशिक निकासी
पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है। लेकिन इसे इसके बाद भी प्रत्येक पांच-पांच साल (यानी पांच-पांच साल के ब्लॉक में) के लिए या तो योगदान (contribution) के साथ या बिना योगदान के जारी रखा जा सकता है।
बिना योगदान एक्सटेंशन
अगर बिना योगदान के पीपीएफ खाता जारी रखना है तो इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। अगर आप मैच्योरिटी के बाद रकम नहीं निकालेंगे तो पीपीएफ खाता स्वत: पांच साल के लिए एक्सटेंड हो जाएगा। इसके बाद भी अगर आप जारी रखना चाहेगें तो यह पांच साल के लिए फिर एक्सटेंड हो जाएगा। जमा रकम पर उस समय जो भी ब्याज होगा, आपको मिलता रहेगा। इस एक्सटेंशन पीरियड के दौरान आप कितनी भी टैक्स-फ्री निकासी कर सकते हैं। लेकिन एक वित्त वर्ष में एक से ज्यादा बार निकासी नहीं की जा सकती है।
योगदान के साथ एक्सटेंशन
लेकिन अगर आप चाहते हैं कि एक्सटेंशन पीरियड के दौरान भी आप उसमें योगदान करें और उस पर 80C का फायदा मिले तो आपको खाता मैच्योर होने के एक साल के भीतर संबंधित बैंक/पोस्ट ऑफिस के पास फॉर्म-4 भरकर जमा करना होगा। बिना फॉर्म-4 जमा किए अगर आप योगदान करते हैं तो उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
अगर योगदान के साथ खाता जारी रखते हैं तो एक्सटेंशन पीरियड यानी प्रत्येक पांच साल के ब्लॉक के दौरान आप ब्लॉक की शुरुआत में उपलब्ध बैलेंस का अधिकतम 60 फीसदी तक निकाल सकते हैं। लेकिन एक वित्त वर्ष में सिर्फ एक बार ही आंशिक निकासी की जा सकती है। अगर आपके पीपीएफ खाते पर 5 साल के एक्सटेंशन पीरियड की शुरुआत के समय 20 लाख रुपए हैं तो इस 5 साल के एक्सटेंशन पीरियड के दौरान अधिकतम 12 लाख रुपए निकालने की अनुमति होगी।
पीपीएफ अकाउंट से आप न सिर्फ आंशिक निकासी कर सकते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर इस अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले बंद भी कर सकते हैं।
प्रीमैच्योर क्लोजर
सरकार ने जून 2016 में पीपीएफ अकाउंट के प्रीमैच्योर क्लोजर की सुविधा दी थी। जिसके मुताबिक अगर आपने लगातार 5 वित्त वर्ष तक पीपीएफ खाते में पैसे जमा किए हों तो इसके बाद आप खुद, पत्नी, बच्चे या माता-पिता की किसी गंभीर बीमारी के इलाज अथवा बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए खाता बंद कर सकते हैं यानी पूरी निकासी कर सकते हैं। लेकिन प्रीमैच्योर क्लोजर की स्थिति में आपके खाते में मूलधन (principal amount ) पर जो भी ब्याज मिला है, उसमें से एक फीसदी की कमी कर दी जाएगी। ब्याज में यह कमी खाता खुलने से लेकर खाता बंद करने के दिन तक के लिए की जाएगी।
सरकार ने एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान पेनल्टी के कैलकुलेशन को लेकर खाताधारकों के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए पीपीएफ (PPF) अकाउंट के प्रीमैच्योर क्लोजर यानी परिपक्वता से पहले बंद करने को लेकर नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव भी किया है। यह बदलाव 9 नवंबर 2023 से लागू भी हो गया है। अब इस बदलाव के मायने समझते हैं।
PPF खाता एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान बंद करने के मामले में पुराने नियमों (पीपीएफ 2019) के हिसाब से बहुत कन्फ्यूजन था। क्योंकि 2019 के नियमों के मुताबिक यदि आप एक्सटेंशन पीरियड के दौरान खाते को बंद करते है तो आपको एक्सटेंडेड पीरियड की शुरुआत से पेनल्टी देनी होगी।
मतलब यदि अकाउंट 15 साल की मैच्योरिटी के बाद 5 साल के एक्सटेंशन पीरियड में है तो एक फीसदी पेनल्टी एक्सटेंडेड पीरियड की शुरुआत से लगेगी।
वहीं यदि आप एक से अधिक बार पीपीएफ अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंड करते हैं तो भी पेनल्टी तभी से लगेगी जब से आपका पीपीएफ अकाउंट एक्सटेंड हुआ है।
नए नियम के जरिए यह स्पष्ट किया गया है कि यदि आपका पीपीएफ अकाउंट एक्सटेंडेड पीरियड में है तो प्रीमैच्योर क्लोजर के मामले में 1 फीसदी पेनल्टी की गणना प्रत्येक 5 साल के ब्लॉक की शुरुआत से होगी। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आप एक से अधिक बार पीपीएफ अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंड करते हैं तो पेनाल्टी तब से नहीं लगेगी जब से आपका पीपीएफ अकाउंट एक्सटेंड हुआ है बल्कि सिर्फ उसी 5 साल के एक्सटेंडेड पीरियड की शुरुआत से लगेगी।
किन परिस्थितियों में कर सकते हैं प्रीमैच्योर क्लोजर
नियमों के मुताबिक अकाउंट होल्डर अपने, अपने जीवनसाथी या परिवार के आश्रित सदस्यों (बच्चे, माता-पिता) की जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए पूरा पैसा निकाल कर अकाउंट बंद कर सकते हैं। यदि खाताधारक को देश या विदेश में अपने या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत है तब भी उसे अकाउंट बंद करने की सुविधा मिलती है। इसके अलावा अगर पीपीएफ खाताधारक देश छोड़कर जा रहा हो तो वह पीपीएफ अकाउंट बंद कर सकता है।
प्रीमैच्योर क्लोजर के लिए क्या करना होता है
पीपीएफ खाते को बंद करने के लिए अकाउंट होल्डर को फॉर्म-5 भरकर जमा करना होता है। इस फॉर्म में आपको बताना होता है कि आप अकाउंट को किस कारण से बंद कर रहे हैं। साथ ही आवेदन के साथ जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होते हैं, मसलन अगर बीमारी के इलाज के लिए खाता बंद कर रहे हैं तो मेडिकल अथॉरिटी की ओर से दिए गए कागजात, उच्च शिक्षा के लिए खाता बंद कर रहे हैं, तो फीस की रसीद, बिल और एडमिशन को कन्फर्म करने वाले डॉक्युमेंट्स, विदेश जा रहे हैं तो वीजा, पासपोर्ट या इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी … ।