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निवेश सलाहकारों के लिए बदले नियम

वे ‘मोस्ट इम्पोर्टेंट टर्म्स ऐंड कंडीशंस’ (एमआईटीसी) के तौर पर जाने जाने वाले नियम और शर्तों (टीऐंडसी) का खुलासा करेंगे और उन पर ग्राहकों की सहमति लेंगे।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- February 18, 2025 | 6:48 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश सलाहकारों (आईए) और शोध विश्लेषकों (आरए) के लिए यह अनिवार्य बना दिया है कि वे ‘मोस्ट इम्पोर्टेंट टर्म्स ऐंड कंडीशंस’ (एमआईटीसी) के तौर पर जाने जाने वाले नियम और शर्तों (टीऐंडसी) का खुलासा करेंगे और उन पर ग्राहकों की सहमति लेंगे।

ये अहम नियम और शर्तें दो पृष्ठ का दस्तावेज है, जिसे सेबी ने आईए और आरए के संबंधित उद्योग मानक संगठनों के सहयोग से मानक रूप दिया है। निवेश सलाहकारों को 30 जून तक इन नियमों और शर्तों के बारे में क्लाइंटों को बताना होगा। नए करारों में नई शर्तों को शामिल करना जरूरी है।

इसके अलावा, एमआईटीसी ने शिकायतों के मामले में ग्राहकों के लिए स्पष्ट कदम सुझाए हैं। इनमें सेबी के स्कोर्स पोर्टल या ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) वेबसाइट पर शिकायत को आगे बढ़ाना (यदि समाधान असंतोषजनक रहता है) शामिल है। दिशा-निर्देशों में यह भी बताया गया है कि निवेश सलाहकार सिर्फ परामर्श सेवाओं के लिए भुगतान स्वीकार कर सकते हैं। उन पर ग्राहकों की ओर से अपने खातों में
धन या प्रतिभूतियां प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

First Published : February 17, 2025 | 11:03 PM IST