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Savings Account में रखा इससे ज्यादा कैश तो आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस, जानें क्या कहता है नियम

भी बैंकों या फाइनेंशियल संस्थानों को इनकम टैक्स अधिनियम 1962 की धारा 114B के अनुसार बड़ा कैश जमा करने पर इनकम टैक्स विभाग को बताना होता है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 21, 2024 | 2:04 PM IST

अधिकतर लोग अपनी सेविंग्स के पैसों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक अकाउंट में पैसा जमा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अपने सेविंग्स अकाउंट में कितना पैसा जमा रख सकते हैं। एक वित्त वर्ष में आपके सेविंग्स अकाउंट में कितना पैसा होना चाहिए? क्योंकि ऐसा संभव है कि एक वित्त वर्ष में एक लिमिट के बाद अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में पैसा जमा होता है तो आप तक इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है।

‘कैश जमा’ करने का क्या है मतलब

कैश जमा करने का मतलब है आपके बैंक अकाउंट में मैन्युअल रूप से या मनी ट्रांसफर या एटीएम जैसे तरीकों से पैसों का जमा होना। लोग अक्सर ट्रांजेक्शन करने या उसे सुरक्षित रखने के लिए बैंकों में पैसा जमा करते हैं। जमा हो जाने के बाद आप पैसे निकाल सकते हैं और इसे अभी भी कैश जमा के तौर पर ही जाना जाता है।

क्या कहता है नियम

आयकर विभाग के अनुसार एक वित्त वर्ष के दौरान सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने की सीमा 10 लाख रुपये है। सभी बैंकों या फाइनेंशियल संस्थानों को इनकम टैक्स अधिनियम 1962 की धारा 114B के अनुसार बड़ा कैश जमा करने पर इनकम टैक्स विभाग को बताना होता है। विभाग हर एक सेविंग अकाउंट पर नजर रखता है कि जमा किया गया पैसा तय लिमिट से अधिक है या नहीं।

एक वित्त वर्ष में जमा कैश का कैलकुलेशन व्यक्ति के सभी खातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। नियमों के मुताबिक, अगर आप अपने सेविगंस अकाउंट में तय सीमा से ज्यादा रकम रखते हैं तो इनकम टैक्स की नजर में आएंगे। तय सीमा से ऊपर कैश होने की स्थिति में आपको इनकम टैक्स भरना होगा।

First Published : February 21, 2024 | 2:04 PM IST