हमने बांग्लादेश में डीईपीबी स्कीम के तहत निर्यात किया था। उसका इनवायस एसीयू डॉलर में था।
हमें हमारे बैंकरों ने बताया था कि बांग्लादेश को होने वाले निर्यात के लिए पेमेंट एशियन करेंसी यूनियन के जरिये होता है। क्या ये निर्यात, एक्सपोर्ट बेनिफिट के लायक हैं? विदेशी व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने पिछले साल एक दिसंबर को इस बारे में एक पॉलिसी सरकुर्लर जारी किया था, जिसका नंबर 122007 है।
उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि चूंकि रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक एसीयू डॉलर एक पूर्ण परिवर्तनीय मुद्रा है, इसलिए डीजीएफटी द्वारा चलाए जा रहे निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं फायदा एसीयू डॉलर में व्यापार करने वाले निर्यातकों को भी मिलेगा।
हम एक एक्सपोर्ट ऑरिएंटेड यूनिट (ईओयू) हैं। हम मर्चेंट एक्सपोटरों के जरिये एक्सपोर्ट करते हैं। हैंडबुक ऑफ प्रसूजर्स की पैरा 6.9 (ई) के मुताबिक ऐसे निर्यातों की गिनती नेट फॉरेन एक्सचेंज में की जाती है। लेकिन चूंकि फॉरेन एक्सचेंज हमारे नाम से नहीं भुनाया गया है, इसलिए हमें नहीं जानते कि हम इन निर्यात का इस्तेमाल डॉमेस्टिक टैरिफ एरिया (डीटीए) में स्थान पाने के लिए कर सकते हैं। कृपया स्पष्ट करें?
ईओयू को डीटीए सेल में स्थान केवल वस्तुओं वास्तविक निर्यात और नेट फॉरेन एक्सचेंज की कमाई पर ही मिलता है। किसी दूसरे द्वारा किए गए ऐसे वस्तु का निर्यात, जो ईओयू में ही बना हो या नेट फॉरेन एक्सचेंज को किसी दूसरे द्वारा भुना लिए जाने के बावजूद भी आप एक्सपोर्ट बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए आपको डीटीए सेल बेनिफिट्स आपको भी मिलेंगे, फिर चाहे नेट फॉरेन एक्सचेंज किसी और ने ही क्यों न भुना लिया हो।
बस शिपिंग बिल में उत्पादनकर्ताअओ और तीसरे पक्ष के नाम का उल्लेख होना चाहिए। साथ ही, कुछ खास मामलों में भी ईओयू के स्टेट्स का भी साफ-साफ उल्लेख कर लेना चाहिए।