जगह बदलने के साथ चीजों की भी अहमियत बदल जाती है। यूरोप में जिस ब्रांड को अच्छी खासी पड़ताल की जा रही, उसे भारत के प्रीमियम ब्रांडों में शुमार किया जा रहा है।
यूरोप में जहां स्कोडा का मजाक उड़ाया जाता रहा है, वहीं भारत में यह फोक्सवैगन की स्टार कारों में से एक है। यूरोपीय लोगों के लिए स्कोडा कीमतों पर फोक्सवैगन की गुणवत्ता हासिल करना भले ही बेहतर विकल्प है, जैसा लेकिन भारतीय कार प्रेमी स्कोडा जैसी क्वॉलिटी के लिए भी फोक्सवैगन जैसी कीमतें चुकाने को इच्छुक हैं।
इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण चेक ब्रांड का हालिया प्रोडक्ट फेबिया है। हुंडई गेट्ज की तुलना में इसकी कीमत में अंतर जरूर है। सबसे सस्ते फेबिया डीजल मॉडल की कीमत 6.6 लाख रुपये है, वहीं मुंबई में इसके टॉप ऐंड एलिगेंस कैटिगरी की कीमत 8 लाख रुपये है।
क्या स्कोडा इंडिया को इससे अलग किया जा सकता है? लोग इस गाड़ी के लिए अधिक रकम खर्च करने के लिए इच्छुक हैं। ‘मैं 8 लाख रुपये में स्कोडा हासिल करने जा रहा हूं’। ऐसी धारणा खरीदारों में आम हो गई है। इसलिए यदि हम इस गाड़ी से मुंह मोड़ते हैं और किसी दूसरी कार की ओर रुख करते हैं तो फेबिया इसके लिए उपयुक्त होगी।
टेस्ट-कार के लिए स्कोडा ऑटो इंडिया को लंबा वक्त लगा। बिक्री चार्ट पर फेबिया मजबूत जगह बनाती जा रही है और ऐसे में हमारे लिए इस कार की संभावना कम ही दिख रही है। अंतत: किसी तरह यह कार हमें मूल्यांकन के लिए उपलब्ध कराई जा सकी है।
वैसे, बनावट के हिसाब से फेबिया ज्यादा अलग नहीं है। लेकिन आप कुछ डायनेमिक स्लैश और कट्स देख सकते हैं जो ऑटोमोटिव डिजाइन में मौजूदा चलन है। इसके ग्रिल पर बड़ा क्रोम बार-बार लोगों को आकर्षित और आनंदित किए बगैर नहीं रहेगा। वैसे, मुझे यह कुछ अनावश्यक भी लगता है। इसकी यूरो चिक लाइंस की शानदार तरीके से डिजाइन की गई है जो कार प्रेमियों को मजबूती का अहसास दिलाएगी।
कुल मिलाकर इसे स्पोर्टी लुक दिया गया है जो हमें सुजुकी स्विफ्ट में भी देखने को मिलता है। हमारी टेस्ट-कार टॉप-ऑफ-द-लाइन एलेगेंस वर्जन है। इसका मतलब है कि यह गाड़ी सनरूफ, एक एलसीडी डिस्प्ले के साथ पार्किंग सेंसर और प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स की तरह कई लग्जीरियस खूबियों से लैस है।
बाहर की तुलना में यह गाड़ी अंदर से ज्यादा खूबसूरत दिखती है। पूरा डैशबोर्ड सुव्यवस्थित तरीके से फिट किया गया है। इसमें एयर-कंडीशनर के अलावा दो ग्लोव-बॉक्स की सुविधा मौजूद है। इस मॉडल इंस्ट्रूमेंट पैनल तारीफ के काबिल है जो एक बड़े टैकोमीटर और स्पीडमीटर से लैस है।
सामने वाली सीटें बेहद आरामदायक हैं जिससे आप लंबी दूरी की यात्रा बिना थकान महसूस किए कर सकते हैं। इसके अलावा सामान रखने के लिए भी उपयुक्त स्पेस का भी ध्यान रखा गया है। वैसे, इस गाड़ी की आंतरिक डिजाइन टोयोटा की तरह है, लेकिन आप डायल्स, स्विच और बटन एवं प्लास्टिक की गुणवत्ता की तुलना नहीं कर सकते।
फेबिया के पेट्रोल वर्जन को हाल ही में लांच किया गया है, लेकिन हमारे देश में यह सिर्फ डीजल वर्जन ही उपलब्ध है। यह गाड़ी तीन सिलेंडर से लैस है जो 4000 आरपीएम पर 68 बीएचपी बनाती है और 1600 और 2800 आरपीएम के बीच 15.81 किलोग्राम टर्ॉक्यू यानी आघूर्ण शक्ति से लैस हैं। इसके इंजन का इस्तेमाल वोल्क्सवेगन बेज (पोलो, लूपो) कारों में भी किया जा चुका है। भारत में इसे कम से कम 1500सीसी के साथ उतारने पर विचार किया जा रहा है।
इस गाड़ी में वोल्क्सवेगन की पम्पे-डयूज इंजेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता रहा है, जिसमें अब फेरबदल कर कॉमन रेल डायरेक्ट इंजेक्शन तकनीक से लैस किया जा रहा है। तीन सिलेंडर इंजन वाले पी-डी तकनीक की एक खामी यह भी है कि इंजन के गर्म हो जाने पर फेबिया थोड़ी आवाज करती है।
इसके अलावा इसके इंजन की गति थोड़ी धीमी है, जिससे शहर में ड्राइविंग में कुछ मुश्किल पेश आती है। लेकिन इंजन की गति और प्रेशर में सुधार किए जाने के बाद फेबिया का यह डीजल वाहन तेज गति से कार्य करने में सक्षम है।
इसने अपनी गति के समय में सुधार किया है। यह गाड़ी 6.11 सेकेंड की अवधि में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है और 15.56 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार प्राप्त करने में सक्षम है। फेबिया एक हाईवे कार है और यह 100 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक की रफ्तार से अपना सफर आसानी से तय कर सकती है। इसका इंजन बहुत कम आवाज के साथ बेहतर हॉर्सपावर से लैस है। फेबिया ईंधन की बचत के लिहाज से भी उपयुक्त है।
एयर-कंडीशनर चालू रखे जाने के साथ शहर में इसकी औसत क्षमता 12 केपीएल है, वहीं हाईवे पर यह 16 केपीएल तक संभव है। पांच स्पीड वाले गियरबॉक्स से लैस इसके गियर लीवर छोटे और सुंदर हैं। इसलिए फेबिया की प्रीमियम प्राइस इसे महत्वपूर्ण बनाती है। सिर्फ इंजन के लिहाज से ही यह गाड़ी बढ़िया नहीं है, बल्कि फेबिया बेहतर प्रेरक शक्ति से भी लैस है।
इसके अलावा यह बेहतर प्रदर्शन और ईंधन बचत के मोर्चे पर भी खरी उतरती है। स्कोडा का अपना ओक्टाविया टीडीआई मॉडल श्रेष्ठता का शानदार उदाहरण है।जब आप एक ही मंच पर गाड़ियों के विभिन्न स्वरूपों पर नजर डालते हैं तो आप इसे बेहतर एवं उपयुक्त पाते हैं। इसलिए आप इस बात से आश्वस्त हो सकते हैं कि वोल्क्सवेगन अपने प्लेटफॉर्म को हरसंभव सक्षम बनाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ेगी।
जब आप सड़क पर फेबिया को दौड़ाएंगे, यह गाड़ी आपको प्रभावित किए बगैर नहीं रहेगी। सफर के दौरान फैबिया आपको पूर्ण संतुष्टि प्रदान कराएगी। इस वाहन में मैकफर्सन स्ट्रट्स के लोवर ट्राएंगुलर लिंक्स और टोरसियन स्टैब्लाइजर का इस्तेमाल किया गया है, वहीं रीयर में मल्टी-लिंक डबल क्रैंक की धुरी का इस्तेमाल किया गया है। कार का हैंडल भी काफी खूबसूरत है और इसे अच्छी तरह से फिट किया गया है।
कार की स्टीयरिंग भी छोटी एवं हल्की है और यह कार की बनावट से अच्छी तरह मेल खाती है। फेबिया की सवारी करना एक शानदार अनुभव है जो इसे बड़ी कार की श्रेणी शामिल कराता है। यह गाड़ी न सिर्फ एक सक्षम इंजन से लैस है बल्कि कई अन्य खूबियां भी इसमें मौजूद हैं।
यह सवाल पैदा होना लाजिमी है कि क्या फेबिया स्कोडा के मानदंडों पर खरा उतरती है? इस सूरत में नहीं, जब आप मानते हैं कि आप खुद से वैसी बड़ी कार खरीदने में सक्षम हैं, जिसकी अपनी खूबियां हैं। मिसाल के तौर पर इन बड़ी कारों में होंडा सिटी, हुंडई वेर्ना, फोर्ड फिएस्टा और सुजुकी एसएक्स4 शामिल हैं। इसके अलावा अगर आप वैसी छोटी कार खरीदना चाहते हैं, जिसमें बड़ी कारों वाली खूबियां भी मौजूद हों तो जवाब हां में होगा।