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विज्ञापनों के अखाड़े में उतरीं नई कंपनियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 7:02 PM IST

पिछला वित्त वर्ष यानी 2007-08 का साल विज्ञापन जगत के लिए खुशखबरी और दुख भरे संदेश दोनों लेकर आया है।


अच्छी खबर यह है कि बीते वित्तीय वर्ष में कई नई कंपनियां विज्ञापन की दुनिया में आईं। दूसरी तरफ, बुरी खबर यह है कि इसके बावजूद विज्ञापनों पर होने वाला खर्च काफी कम हो गया है। आकंड़ों की मानें तो 2007-08 में कुल मिलाकर 280 कंपनियों ने विज्ञापनों पर 3,400 करोड़ रुपए खर्च किए। वहीं, 2006-07 में 500 कंपनियों ने विज्ञापनों पर  4700 करोड़ रुपए खर्च किए थे।


वैसे, इससे इस बात को नहीं छुपाया जा सकता कि पिछले साल कई नए खिलाड़ियों ने विज्ञापनों पर मोटी रकम खर्च की। इन नए खिलाड़ियों में 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स का प्रचार अभियान भी शामिल है, जिसपर 300 करोड़ रुपए की मोटी रकम खर्च की गई। वहीं, एक और नए खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने तो अपने विज्ञापनों पर 50 करोड़ खर्च किए।


वहीं इस लिस्ट में भारती डीटीएच और वर्जिन मोबाइल का भी नाम शामिल है, जिन्होंने विज्ञापनों पर 80-80 करोड़ रुपए की अच्छी-खासी रकम खर्च की। वैसे, नए खिलाड़ियों में कई ट्रैवल पोर्टल्स, मीडिया कंपनियों, नेटवर्किंग वेबसाइट्स, क्षेत्रीय रियल एस्टेट कंपनियां और दूसरी कंपनियों के भी नाम शामिल हैं। साथ ही, इस साल विज्ञापनों पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली कंपनियों की लिस्ट में भी कई नए नाम शामिल हो गए हैं।


पिछले वित्त वर्ष में  एलजी इलेक्ट्रोनिक्स ने विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए।वहीं सैंमसंग ने भी 120 करोड़ रुपए विज्ञापनों पर खर्च किए। वहीं, जेट एयरवेज ने तो इसके वास्ते 100 करोड़ रुपए चुकाए। वहीं, भारत सरकार ने भी अपने ‘अतुल्य भारत’ कैंपेन के वास्ते 140 करोड़ रुपए की मोटी रकम चुकाई।


देश की जानी-मानी एड एजेंसी, डेंटसू कम्युनिकेशन के एक बड़े अधिकारी ने विज्ञापन जगत में फिलहाल छाए इस सन्नाटे की वजह के बारे में बताया कि, ‘इस वक्त प्रोडक्ट और ब्रांड कैटेगरी में तेजी है। इसीलिए क्लाइंट अपनी क्रिएटिव और मीडिया एजेंसियों को अपने साथ जोड़े रखना चाहते हैं, ताकि बेहतर रिजल्ट मिले।  इसीलिए 2007-08 में कम ही कंपनियों ने अपनी एड एजेंसियों में फेर-बदल किया।’


इस साल सबसे ज्यादा फायदा कमाने वालों में स्टारकॉम का नाम भी शामिल है। इसने जेट एयरवेज और सैमसंग को अपने साथ जोड़कर अपने कारोबार में 70 फीसदी से ज्यादा का इजाफा कर दिया। वहीं क्रायन्स, जेनथ ऑप्टीमीडिया और अशोक क्रिएटिव्स ने मिलकर ‘अतुल्य भारत’ कैंपेन को हासिल किया। दूसरी तरफ, एड एजेंसी जेडब्लूटी ने भारती डीटीएच के 80 करोड़ के एड कैंपेन को अपनी झोली में झटक लिया।


दूसरी तरफ, वर्जिन मोबाइल ने तो दिसंबर में ही अपने विज्ञापनों की जिम्मेदारी माइंडशेयर को सौंप दी थी। वर्जिन मोबाइल ने इस वक्त अपने मोबाइल हैंडसेट और उससे जुड़े सामानों का प्रचार भी शुरू कर दिया है। यह फिलहाल टाटा टेलीसर्विसेज के साथ ही अपनी सेवाएं दे रही है।


दूसरी तरफ, जेडब्लूटी के लिए यह साल मिला-जुला ही रहा। एक ओर, उसके हाथों से बास्किन रॉबिन्स, सेंचुरी प्लाईवुड, हीरो होंडा अचिवर और 7अप जैसी मोटे सेठ निकल गए। वहीं उसे कॉमनवेल्थ गेम्स, हीरो होंडा स्पेलंडर, जीई मनी विजर्ड, भारती डीटीएच और कई छोटे-छोटे, पर अहम कंपनियां के अकॉन्उट भी मिल गए हैं।


वहीं इस साल एक या दो नहीं कई कंपनियों ने करोड़ों में  खर्च किया इस साल तो नोक एयर, एमडीएलआर एयरलाइंस, एओएल, मकान.कॉम, बिग फिलिक्स, गुरुजी.कॉम, मंत्री डेवलपर्स, आईएनएक्स मीडिया, डीएनए अखबार और कई दूसरी छोटी कंपनियों ने विज्ञापन पर पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च की।

First Published : April 3, 2008 | 11:54 PM IST