बैंक के कर्मचारी 59 साल के एहसान कुरैशी के लिए कुछ दिनों पहले तक गेमिंग पार्लर वह जगह थी, जहां उनके बच्चे आते-जाते रहते थे।
अभी हाल ही में बैंक की नौकरी से रिटायर हुआ यह शख्स आज कल अपनी बीवी मेहराम के साथ घर के पास बने एक मॉल के गेमिंग पार्लर में अक्सर ‘बंपर कार’ पर अपना हाथ आजमाते रहते हैं। कभी-कभी मूड बदलने के लिए इलेक्ट्रोनिक रेसिंग गेम भी खेलते नजर आते हैं। वह दिन बीते, जब रिटायरमेंट के बाद लोगों का काम घर बैठे पोते-पोतियों को खिलाना होता था।अब तो वे भी जीवन के मजे लेना चाहते हैं।
आपको शायद अजीब लगे, लेकिन जीवन की संध्या में मस्ती की धुन पर झूमने वाले एहसान और उनकी पत्नी अकेले नहीं हैं।आप ज्यादा हैरान न हों अगर आपको कोई बुजुर्ग डिस्कोथेक में ठुमके लगाते नजर आए या फिर पास के मल्टीप्लेक्स में गेमिंग का लुत्फ उठाता दिखे। मुंबई के रहने वाले 54 साल के जगजीवन पाथरे का एक प्यारी सी मुस्कान के साथ कहना है कि,’मैं तो लोगों से यही कहूंगा कि उन्हें बॉलरूम या फिर साल्सा डांस क्लास ज्वाइन कर लेना चाहिए।’
पाथरे और उनकी पत्नी ने हाल ही में शाम की एक साल्सा क्लास ज्वाइन की है। उनका कहना है कि,’मुझे इसके बारे में अपने कम्युनिटी सेंटर के नोटिस बोर्ड से पता चला। बस तभी मैंने वापस घर आकर अपनी बीवी से इस क्लास में मेरे साथ चलने के लिए कहा।’ ये दोनों तो अब इस डॉन्स के दीवाने हो चुके हैं। अब तो वह बॉलरूम डॉन्स भी सीखना चाहते हैं।
एक प्रोफेशनल साल्सा डांस ट्रेनर, मिहिर शाह भी मानते हैं कि उनके पास डांस सीखने वाले बुजुर्गों की तादाद में काफी इजाफा हुआ है। वे इस शौक को काफी शिद्दत से पूरा कर रहे हैं। मिहिर का कहना है कि,’इससे एक साथ दो-दो फायदे होते हैं। पहला तो यह कि इससे उन्हें मिलने-जुलने का फायदा होता है। दूसरा यह कि डांस के साथ-साथ उनकी कसरत भी हो जाती है। कुछ लोग तो इस ट्रेंनिग के बाद बकायदा बॉलरूम और साल्सा डांस प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेने लगते हैं।’
हेल्पएज इंडिया की मानें तो देश में इस वक्त आठ करोड़ बुजुर्ग रह रहे हैं। 2025 तक इनकी तादाद 17.7 करोड़ हो जाएगी। निश्चित तौर पर यह एक बहुत बड़ा बाजार है, जिसमें अभी काफी ज्यादा संभावनाएं हैं। पिरामिड रिटेल के नंदन परीमल ने अपने छठे फैमिली इंटरटेनमेंट सेंटर को हाल ही में लॉन्च किया है।
उनका कहना है कि,’इसमें ज्यादा जोर हमने परिवार के बुजुर्ग सदस्यों पर दिया है। इसलिए तो हमने गेम्स और वातावरण थोड़ा गंभीर रखा है।’ परीमल तो अब उत्तर और पश्चिम भारत में भी अपने स्टोर खोलने की सोच रहे हैं।