निजी साझेदारी से बढ़ेगी बिजली की चमक

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- April 06, 2008 | 11:11 PM IST

बिजली की किल्लत से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के बिजली क्षेत्र में अब सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल आकार लेने लगा है।


इस क्रम में सरकार को 3,300 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले दो बिजली संयंत्रों के लिए तकनीकी निविदा मिली हैं। उत्तर प्रदेश बिजली निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) इस समय दो अल्ट्रा मेगा थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट्स (यूएमपीपी) की स्थापना के लिए 9 कंपनियों से मिली तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन कर रहा है। इन परियोजनाओं की स्थापना इलाहाबाद जिले बारा और करछना में की जाएगी।


यूएमपीपी के प्रबंध निदेशक अवनीश अवस्थी ने बताया कि तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है जबकि क्वालीफाइड बोलादाता का चयन करने के लिए शनिवार को वित्तीय बोलियों को खोला जाएगा। उत्तर प्रदेश में जारी बिजली संकट को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने 11वीं पंच वर्षीय योजना के दौरान बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 10,000 मेगावाट से अधिक करने का फैसला किया है।


इस सिलसिले में राज्य सरकार ने बारा और करछना में क्रमश: 1,980 मेगावाट और 1,320 मेगावाट के बिजली संयंत्रों की स्थापना करने का फैसला किया है। ये दोनों संयंत्र नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे और इसके सख्त बोली प्रक्रिया के जरिए कंपनियों का चयन किया जा रहा है। इस परियोजनाओं के आवंटन के लिए तकनीकी बोली और वित्तीय बोली का काफी महत्व है।


बारा परियोजना के लिए चार कंपनियों ने बोली दाखिल की है। ये कंपनियां जिंदल स्टील एंड पॉवर, एनटीपीसी, लैंको इंफ्राटेक और रिलायंस पॉवर हैं। करछना संयंत्र के लिए कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी, जिंदल स्टील एंड पॉवर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, रिलायंस पॉवर और लैंको इंफ्राटेक ने निविदा दाखिल की है। ऊर्जा विभाग पहले ही इन दोनों परियोजनाओं की स्थापना के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर चुका है।


प्रदेश में तैयार हो रही अन्य बिजली परियोजनाओं में रोजा, मेजा, ओबरा और अनपारा (सी और डी) संयंत्रों का विकास संयुक्त उद्यमों के जरिए किया जा रहा है, जबकि एनटीपीसी बुंदेलखंड क्षेत्र के ललिलपुर में एक अन्य यूएमपीपी की स्थापना कर रही है।


राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सरकार को केन्द्रीय क्षेत्रों और अन्य राज्यों से बिजली का आयात करना पड़ता है। राज्य में गर्मी शुरू होती है बिजली की किल्लत काफी बढ़ जाती है। आगामी महीनों के दौरान बिजली के आयात के लिए उत्तर प्रदेश से हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता किया है।

First Published : April 6, 2008 | 11:11 PM IST