उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड(यूजेवीएनएल) की सूक्ष्म, लघु और छोटी जल विद्युत परियोजनाओं की बोली के लिए लगभग 1,000 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है।
इन बोलियों के लिए आवेदन पत्र देने की अंतिम सीमा शनिवार शाम को समाप्त हो गई है। यूजेवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि इन बोलियों के लिए लोगों ने अच्छी खासी दिलचस्पी दिखाई है।
यूजेवीएनएल के महाप्रंबधक एस के रस्तोगी का कहना है कि बिजली परियोजनाओं के लिहाज से इतने आवेदन पत्रों का प्राप्त होना अपने आप में मिसाल है।
गौरतलब है कि यूजेवीएनएल ने स्वयं चयनित तरीके से सूक्ष्म,लघु और छोटी जल परियोजनाओं के लिए बोलियां मंगाई है।यूजेवीएनएल ने इन परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया को सितंबर महीने में शुरू किया था। लेकिन बाद में बोली की अंतिम तारीख 27 दिसंबर तय हो पाई थी।
बोली प्रक्रिया के अंतिम चरण में ज्यादा से ज्यादा आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने इन परियोजनाओं की कुल लागत में 50 फीसदी की छूट देने की बात भी कही थी।
इसके अलावा ऋण और जमीन आवंटित करने की छूट की बात कही गई है। राज्य में लगने वाली बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं में आती परेशानियों को देखते हुए सरकार अब सूक्ष्म,लघु और छोटी परियोजनाओं की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। सभी विद्युत परियोजनाओं को सूक्ष्म, लघु और छोटी श्रेणी में बांटा गया है।
इनमें 100 किलोवाट की क्षमता वाली योजनाओं को सूक्ष्म, 100 किलोवाट से 5 मेगावाट तक की क्षमता वाली योजनाओं को लघु और 5 से 25 मेगावाट तक की परियोजनाओं को छोटी परियोजनाओं में मानकीकृत किया गया है।
बेहतर प्रतिक्रिया हासिल करने के लिए सरकार ने कुल परिसंपत्ति, कारोबार और नकदी की दशाओं में 50 प्रतिशत की कटौती भी की।
राज्य में बड़ी बिजली परियोजनाओं के विरोध के बाद सरकार ने छोटी परियोजनाओं को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
इन परियोजनाओं की कुल उत्पादन क्षमता 1100 मेगावाट है। बिजली उत्पादन के लिए उत्तराखंड सरकार स्थानीय लोगों और ग्राम पंचायतों को तरजीह दे रही है।