मंदी की तपिश के बीच चंडीगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में आवासीय परियोजनाओं की गिरती मांग ने यहां की रियल एस्टेट कंपनियों को अन्य विकल्पों की ओर देखने को मजबूर कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की सिफारिशों के बाद हाल ही में रिजर्व बैंक ने 20 लाख रुपये तक की आवासीय ऋण पर लगने वाली ब्याज दरों में कटौती करने को कहा है।
सरकार के इस पहल के बाद, यहां की रियल एस्टेट कंपनियों के हाथ में किफायती आवास एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभर रहा है,
जिसके जरिए अब वे मंदी की आग को कम करने की कोशिश करेंगी। एक ग्लोबल रियल एस्टेट सलाहकार जॉन लेंग लासाले मेघराज के क्षेत्रीय निदेशक (चंडीगढ़) मनोज कश्यप ने बताया कि देश की करीब 5-6 रियल एस्टेट कंपनियां चंडीगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में सस्ते आवासीय परियोजनाओं के साथ आने वाली हैं।
कश्यप ने बताया कि चंडीगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में आवासीय बिक्री में छाई सुस्ती के बीच यहां के डेवेलपरों के लिए किफायती आवास ने उम्मीद की नई किरण दिखाई है।
इसके अलावा, निर्माण लागत में कमी आई है और रियल एस्टेट कंपनियां भूमि अधिग्रहण के लिए समझदारी भरा रवैया अपना रही हैं जोकि किफायती आवास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
शुरुआत में ज्यादातर बिल्डरों ने चंडीगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में अत्याधिक कीमत पर भूमि अधिग्रहण किया था। जमीन और निर्माण लागत की आसमान छूती कीमतों के परिणामस्वरूप अपार्टमेंटों की कीमत भी अधिक हो गई थी।
लेकिन अब किफायती आवास के साथ ही डेवेलपर भी भूमि अधिग्रहण के लिए व्यावहारिक रवैया अपना रहे हैं।