उत्तर प्रदेश : ई-मंडी से ही होगा सारा क्रय-विक्रय

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:36 AM IST

उत्तर प्रदेश की सभी सरकारी मंडी सोमवार से हाईटेक हो गई हैं। अब प्रदेश की मंडियों में होने वाली सभी खरीद-बिक्री नए पोर्टल ई-मंडी के जरिये होगी। हालांकि पोर्टल के जरिये खरीद फरो त बीते एक महीने से चल रही थी, लेकिन यह ऐच्छिक ही थी जिसे अब सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार की ई-मंडी परियोजना सोमवार से सभी 220 मंडी समितियों में लागू कर दी गई है। इस परियोजना के तहत तयशुदा कृषि उत्पादों के मंडी प्रपत्र जैसे फार्म सं या छह, फार्म सं या नौ और गेट पास इलेक्ट्रॉनिक रूप से ही मान्य होंगे। यह सभी फार्म ई-मंडी पोर्टल से मिलेंगे। किसानों को उनके उत्पादों के लिए बिक्री का फार्म ई-मंडी पोर्टल से उपलब्ध कराया जा रहा है और साथ ही व्यापारियों को भी यहीं से आनलाइन गेटपास दिया जा रहा है। ई-मंडी पोर्टल से ही व्यापारियों के स्‍टॉक और मांग की जानकारी की जा सकेगी।
किसानों के साथ ही व्यापारियों की सुविधा के लिए मंडी समितियों में हेल्प डेस्क बनाए गए हैं जहां व्यापारी कंप्‍यूटर और इंटरनेट का उपयोग ई-मंडी के कार्यों के लिए बिना किसी शुल्क के कर सकते हैं। इसके अलावा मंडी परिषद मुख्‍यालय पर भी एक हेल्प डेस्क बनाया गया है जिसमें मंडी तकनीकी सहायक तैनात किए गए हैं जो व्यापारियों और मंडियों को जरूरी तकनीकी मदद 24 घंटे उपलब्ध कराएंगे।
गौरतलब है कि कृषि उत्पादन मंडी परिषद ने प्रदेश की सभी 220 मंडी स्थल निर्मित मंडी समितियों में कृषि जिंसों की खरीद-फरो त आसानी से संचालित करने के लिए ई-मंडी के रूप में एक इलेट्रॉनिक पोर्टल एनआईसी के सहयोग से तैयार किया है। ई-मंडी एक वेब आधारित पोर्टल है जिसमें मंडी से जुड़े हुए व्यापारियों के लिए लाइसेंस, फार्म गेटपास आवेदन माड्यूल उपलब्ध हैं। सभी लाइसेंसियों को उनके काम के मुताबिक अलग से लाग इन दिया गया है।
नई व्यवस्था के तहत मंडियों में किसानों और कारोबारियों को आनलाइन पर्ची देख कर प्रवेश मिलेगा, जो गेट पर ही जारी किया जाएगा। लाइसेंसधारी व्यापारी को माल बेचने के बाद ऑनलाइन पोर्टल में संबंधित व्यापारी के स्‍टॉक में उसकी मात्रा जुड़ जाएगी और अगर व्यापारी उसी माल को किसी और को बेचते हैं, तो वह दूसरे के स्‍टॉक में जुड़ जाएगा। ई-मंडी की इस व्यवस्था के तहत केवल फरवरी में ही लगभग चार लाख टन कृषि उत्पाद का व्यापार किया जा चुका है।

First Published : March 2, 2021 | 12:05 AM IST