जिंदादिली, रंगीनियत और पैसेवालों के इस शहर में पैसा बहता है या कहें कि बहाया जाता है। दिनभर एसी ऑफिस में कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करना और शाम को दोस्तों के साथ किसी पब या बार में बैठकर दिन भर की थकान शराब के सुरूर के साथ उतारना यहां आम बात है।
मुंबई में एक हजार से ज्यादा बार, पब और होटल होने के बावजूद शाम को यहां बैठने के लिए आप को इंतजार करने के लिए कहा जा सकता है। सबसे ज्यादा कर अदा करने वाले मुंबईकर आज देश में ही नहीं बल्कि एशिया में सबसे ज्यादा रईसजादे भी हैं।
बहुमंजिली और आलीशान इमारतों में रहने वाले लोगों की सुबह आम भारतीय की तरह नहीं, बल्कि थोड़ी देर में होती है क्योंकि देर रात या कहें कि सुबह के चार बजे इनकी रात शुरु होती है। दिन भर काम करना और शाम को मौज मस्ती करना, इसमें पैसा कितना खर्च होता यह सोचना इनकी आदत नहीं हैं। किसी होटल में खाने के बाद 100-200 रुपये की टिप्स देना कोई बड़ी बात नहीं है।
मुंबई में पैसा कैसे बरसता है यह देखना है तो आप को किसी बार में चलना पड़ेगा। बार में नाचने वाली की अदा और हर ठुमके के साथ रुपयों की बारिश देखी जा सकती है। हाल में एक सर्वे के अनुसार पब और बार में काम करने वाली हर तीसरी लड़की लखपति है। इन लोगों की पंसद में मंहगे होटल, लक्जरी कारें और पार्टी करना शामिल है। इनके बीच ज्यादातर अंग्रेजी या फिर हिंग्लिश में बात की जाती है।
होटल व्यवसायी लक्की के अनुसार लोगों का दिल खोलकर पैसा खर्च करना कोई बुरी बात तो नहीं है। जिसने भी पैसा कमाया है उसे खर्च करने का हक है। मुंबईकरों ने मेहनत करके पैसा कमाया है तो किसके लिए। विजय माल्या को देखो, उनके जीने की स्टाइल किसको नहीं अपने ओर खींचती है।
एम.कॉम करने के साथ कॉल सेंटर में 25000 रुपये की नौकरी करने वाले रतन के अनुसार जिंदगी में वह सब कुछ करना चाहते हैं जो इस महानगर में होता है। उनके पैसों की उनके घर वालों की जरुरत नहीं है। पापा-मम्मी ने इतना बना दिया है जिसमें वह आराम से रह सकते हैं। वह पढाई के साथ काम अपने जेब खर्च के लिए ही करते हैं। मुंबइया स्टाइल में आज वह सब कुछ शामिल है जिसे देश के दूसरे महानगरों, शहरों के लोग तलाशते हैं।