उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में बन रहे रक्षा गलियारे में निवेश आकर्षित करने के लिए रक्षा व एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में संशोधन किया है। प्रदेश सरकार ने गलियारे में डिफेंस टेस्टिंग सेंटर के लिए जमीन पर जरुरी वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में डिफेंस एवं एयरोस्पेस प्रोत्साहन नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। संशोधन के तहत रक्षा गलियारे में स्थापित होने वाली इकाइयों को और भी ज्यादा रियायतें देने का फैसला किया गया है। संशोधनों के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा डिफेंस टेस्टिंग आधारभूत संरचना की घोषणा की गई है। इसके तहत देश में 8 ग्रीन फील्ड डिफेंस टेस्टिंग आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा देश के दोनों डिफेंस कॉरिडोर में दो-दो सुविधाएं स्थापित की जाएंगी, जिसमें राज्य द्वारा सहायता के तौर पर भूमि एवं आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए वर्तमान में लागू नीति में संशोधन करते हुए योजना के प्राविधानों के मुताबिक जरुरी जमीन डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के नोड्स में दी जाएगी और इसकी स्थापना के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
प्रवक्ता के मुताबिक रक्षा व एयरोस्पेस इकाई उत्पादों में सामग्री, उपकरण के साथ ही इन उत्पादों के परिवहन हेतु विशिष्ट लॉजिस्टिक्स वाहनों व संयंत्रों को भी शामिल माना जाएगा। अभी ऐसी इकाई जिसने भारत सरकार के सम्बन्धित अधिनियमों के तहत डिफेंस आइटम्स अथवा आर्म्स एण्ड ऐम्युनिशन आइटम्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाइसेंस प्राप्त कर लिया है और मैन्युफैक्चेरिंग करना चाहती है, उसे डिफेंस कॉरिडोर में भूमि उपलब्ध कराए जाने की वर्तमान में व्यवस्था नहीं है। ऐसी नई इकाइयों को भी रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई की परिभाषा में शामिल करने के लिए नीति में संशोधन किया गया है।
डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा एवं एयरोस्पेस इकाइयों के मामलों में बैक एन्डेड कैपिटल सब्सिटी 7 फीसदी या अधिकतम 500 करोड़ रुपये दी जाएगी। बुंदेलखंड क्षेत्र में पड़ने वाले रक्षा गलियारे के हिस्से में ईकाई लगाने पर यह सब्सिडी 10 फीसदी या अधिकतम 500 करोड़ रुपये होगी। हालांकि एक साल में केवल 50 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी और बाकी अगले साल दी जाएगी। डिफेंस नोड के तहत अधिग्रहीत नवीन विकसित औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत प्रणाली तंत्र, जलापूर्ति, सीवर एवं सड़क की सुविधा दी जाएंगी। औद्योगिक क्षेत्र की भूमि के डिमार्केशन और सुरक्षा के लिए पेरिफेरल चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण किया जाएगा।