UP: चुनावी घोषणाओं का ऐलान शुरू, इस साल के अंत तक यूपी के हर गांव में सरकारी बस सेवा मुहैया कराने का दावा

उत्तर प्रदेश के सभी गांवों तक जल्द ही सरकारी बस से आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

Published by
बीएस संवाददाता   
Last Updated- October 04, 2023 | 1:55 PM IST

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने ऐलान किया है कि इसी साल के अंत तक प्रदेश के सभी गांवों तक आने-जाने के लिए सरकारी बस की सेवा शुरु कर दी जाएगी। उन्होंने परिवहन निगम और विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इसी दिसंबर तक प्रदेश के सभी गांव को परिवहन सेवा से जोड़ लिया जाए। परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आबाद गांवों की संख्या 100983 जबकि ग्राम सभाओं की तादाद 59163 हैं। इनमें से केवल 4593 गांव परिवहन की सुविधा से वंचित हैं। इन सभी वंचित गांवों तक दिसंबर 2023 तक परिवहन की सुविधा पहुंचाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

वंचित गांवों का स्थलीय सर्वे

गांवों तक सरकारी बसों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बुलाई गई बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू ने कहा कि जल्द ही वंचित गांवों का स्थलीय सर्वे कराया जाएगा। वर्तमान में अधिसूचित मार्गों की सूचना परिवहन विभाग के पास जबकि इससे भिन्न मार्गों की जानकारी निगम के पास उपलब्ध है। दोनों के संयुक्त स्थलीय सर्वे से बसों के चलाने की रूपरेखा आसानी से तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने कहा सर्वे का काम एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। प्रत्येक जिले में कम से कम दो दल बनाए जाएंगे और सर्वे रिपोर्ट इसी महीने की 10 तारीख तक प्रदेश परिवहन मुख्यालय पर आ जाएगी।

ये भी पढ़ें- हर जिले में ‘बस पार्क’ बनाएगी योगी सरकार, निजी व टूरिस्ट बसें हो सकेंगी खड़ी

सर्वे से किया जाएगा जरूरत का आंकलन

परिवहन मंत्री ने कहा कि स्थलीय सर्वे करते हुये व मार्ग के सृजन का प्रस्ताव करते हुए ध्यान रखें कि सम्बन्धित मार्ग से अधिकतम एक किलोमीटर दूरी वाले गाँव ही सेवित माने जाएंगे। इससे अधिक दूरी के गांवों के लिये पृथक बस सेवा संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बस सेवा के संचालन से सम्बन्धित तहसील एवं जिला मुख्यालय को संयोजित किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इसे ध्यान में रखते हुए मार्ग का प्रस्ताव इस प्रकार तैयार किया जाए कि प्रस्तावित मार्ग की कुल दूरी 100 किलोमीटर से अधिक न हो।

ये भी पढ़ें-Caste Census: बिहार के बाद UP में भी जातीय सर्वे की मांग, सपा-बसपा-कांग्रेस ने उठाई आवाज

दयाशंकर सिंह ने कहा कि सर्वे से यह पता चलेगा कि किसी गांव के मार्ग पर कितनी क्षमता की बस का संचालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वे में यदि मार्ग बसों के संचालन के योग्य नहीं पाया जाता है तो उसका उल्लेख किया जाए ताकि उसका इंतजाम किया जा सकेगा।

First Published : October 4, 2023 | 1:55 PM IST