कोरोना के कहर और लॉकडाउन की मार के कारण कई कलाकार इस वक्त बदहाली में जीने को मजबूर हैं। पैसों की घोर तंगी से गुजर रहे राज्य के सैकड़ों लोक कलाकारों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने मदद करने का एलान किया है। कोविड काल के दौरान आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए राज्य के 56,000 कलाकारों को आर्थिक मदद के तौर पर प्रत्येक कलाकार को 5,000 रुपये की आर्थिक मदद राज्य सरकार देगी।
राज्य के सैकड़ों लोक कलाकारों, लोक कला मंडलियों के संचालकों, मालिकों और निर्माताओं को कोविड काल के दौरान भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था। इसी के मद्देनजर कलाकारों के लिए एकमुश्त कोविड राहत अनुदान देने को मंजूरी दी गई है और इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव तत्काल राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश करने का निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि पिछले डेढ़ साल से महाराष्ट्र कोविड संक्रमण से जूझ रहा है। कोविड महामारी के मद्देनजर राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर लगी पाबंदी से कई कलाकारों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के 56 हजार कलाकारों आर्थिक मदद देने का एलान किया है। प्रत्येक कलाकार को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
राज्य के 56 हजार कलाकारों को पांच-पांच हजार रुपये की मदद दी जाएगी। वर्तमान में राज्य के मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे और पुणे में लगभग आठ हजार कलाकार हैं और राज्य के शेष हिस्सों में लगभग 48 हजार कलाकार रहते हैं। इन सभी कलाकारों को आर्थिक मदद महैया कराई जाएगी। प्रत्येक कालकार को 5,000 रुपये दिए जाएंगे। इस बाबत लगभग 28 करोड़ रुपये खर्च होगे।
राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री अमित देशमुख ने बताया कि राज्य में प्रयोगात्मक (प्रायोगिक) कला के क्षेत्र में विभिन्न कला मंडलियां कार्य कर रही हैं। कोविड महामारी के कारण साल भर से प्रयोग न होने के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। शाहिरी, खडीगंमत, संगीतबारी, तमाशा फड पूर्णवेळ, तमाशा फड- हंगामी, दशावतार, नाटक, झाडीपट्टी, विधीनाट्य, सर्कस और टुरींग टॉकीज जैसे लगभग 847 संस्थाओं के कलाकारों को मदद मुहैया कराई जाएगी। इस बाबत छह करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, राज्य में कलाकारों के सर्वेक्षण, कलाकारों के चयन और अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।