राजनैतिक संकटों और जमीन बचाने की जिद्दोजहद से जूझ रही बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से पहले पार्टी के नौ असंतुष्ट विधायकों ने अलग होने का एलान कर दिया है।
बसपा के 9 विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से मुलाकात की और खुद को पार्टी विधानमंडल दल से अलग बैठने की व्यवस्था देने की मांग की। इस तरह से अब बसपा में बागी विधायकों की संख्या 9 पर पहुंच गयी है। बागी बसपा विधायक असलम राईनी ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद कहा कि पार्टी में अब केवल 6 विधायक ही बचे हैं। उन्होंने कहा कि सभी 9 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर अपने लिए अलग से विधानसभा सदन में बैठने की जगह मांगी है। बसपा विधायकों का कहना है कि हमारी संख्या अब पार्टी के संख्या से अधिक है, लिहाजा उन पर दलबदल कानून भी लागू नहीं होता है। बागी विधायक राईनी ने कहा कि बहुत जल्द नई राजनीतिक पारी की शुरुआत नई ऊर्जा के साथ करूंगा।
गौरतलब है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने 3 महीने पहले पार्टी के सात विधायकों को निष्कासित किया था और दो विधायक को पहले से ही निष्कासित कर चुकी है। अब बसपा के बागी विधायकों की संख्या 9 हो चुकी है। सात विधायकों को राज्यसभा चुनावों के मतदान से पहले समाजवादी पार्टी के दफतर जाकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने के चलते निष्कासित किया गया था। दो अन्य विधायकों के भाजपा के साथ सांठगांठ होने के आरोप में निकाला गया था।
गुरुवार को बागी विधायकों ने कहा कि उन्हें पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में न बुलाकर सुलह के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। बसपा के 9 बागी विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल ( मुंगरा बादशाहपुर), वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़) और अनिल सिंह व रामवीर उपाध्याय हैं।