मुंबई स्थित डॉलेक्स इंडस्ट्रीज ने मध्य प्रदेश में एक और चीनी मिल लगाने का फैसला किया है।
नया संयंत्र सागर जिले के करीब रेहली में स्थापित किया जाएगा। कंपनी ने इस बारे में हाल में राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर दस्तखत किए हैं। कंपनी की योजना राज्य में 137 करोड़ रुपये का निवेश करने की है। इस संयंत्र से एथेनॉल का उत्पादन भी किया जाएगा।
डॉलेक्स ने राज्य में दो अन्य चीनी मिल लगाने की पेशकश भी की है। ये संयंत्र झबुआ और नरसिंहपुर जिले में लगाए जाएंगे। हालांकि, इन दोनों संयंत्रों को अभी राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है। कंपनी के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस संयंत्र की स्थापना सागर जिले के रेहली में की जाएगी और इसकी पेराई क्षमता 2500 टन गन्ना प्रति दिन होगी और इस संयंत्र से 21 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा।
कंपनी पिछले साल आयोजित कृषि व्यापार सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार के साथ दो समझौतों पर दस्तखत कर चुकी है। कंपनी के एक अधिकारी ने हालांकि कहा है कि भूमि हस्तांतरण की धीमी रफ्तार के कारण परियोजना में देरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि ‘हमने पिछली दो परियोजनाओं के जमीन अधिग्रहण के लिए आवेदन दिया है और हमने इस परियोजना के लिए भी जमीन की मांग की है। हम इसके लिए भी जल्द ही आवेदन कर देंगे।’कंपनी ने इस इकाई के लिए 200 एकड़ जमीन पट्टे पर देने की मांग की है। हालांकि राज्य के राजस्व विभाग ने अभी तक उद्योग विभाग को जमीन नहीं सौंपी है।
सूत्रों ने बताया है कि कंपनी इस परियोजना के जरिए तैयार होने वाली 12 मेगावाट बिजली का साझा भी करेगी। मध्य प्रदेश में इस साल गन्ने की पैदावार 3 लाख टन से अधिक रही है। मध्य प्रदेश में इस समय कुल 11 चीनी मिलें हैं जिनकी कुल पेराई क्षमता 22,000 टन प्रति दिन है। राज्य में 4 और सहकारी चीनी मिलों की स्थापना करने की योजना है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।