दिल्ली में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज से एंटी डस्ट (धूल रोधी) अभियान शुरू हो गया है। यह अभियान 6 नवंबर तक चलाया जाएगा। निर्माण स्थलों पर निर्माण संबंधी 14 एंटी डस्ट नियमों को लागू करना जरूरी है। इस अभियान के तहत 586 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं। निर्माण स्थलों पर नियमों का उल्लंघन होने पर 10 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 30 सितंबर को शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की है। जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे जमीन पर लागू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। हमने ग्रीन वॉर रूम लॉन्च किया है, जहां से इसकी निगरानी की जाएगी। अब आज से एंटी डस्ट अभियान शुरू हो रहा है। इसके लिए 586 टीमों का गठन किया है। जिसमें 12 संबंधित विभागों की टीम शामिल है। ये टीम आज से लगातार निर्माण स्थलों का दौरा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन हो।
पर्यावरण मंत्री राय ने कहा कि जो भी निर्माण स्थल धूल नियंत्रण के नियमों का पालन नहीं करेगा। उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। नियम के उल्लंघन होने पर राष्ट्रीय हरित पंचाट (एनजीटी) के दिशा निर्देशों के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा उल्लंघन मिलने पर इससे अधिक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर ज्यादा उल्लंघन होगा तो निर्माण स्थल को बंद कर दिया जाएगा।राय ने दिल्ली के लोगों से निर्माण/विध्वंस कार्य में अनियमितता दिखने पर ग्रीन दिल्ली ऐप पर शिकायत करने की अपील की।
निर्माण स्थलों पर निर्माण के तय किए गए नियम
1. सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है
2. धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्ग मीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साईट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन होनी चाहिए।
3. निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को तिरपाल या नेट से ढकना जरूरी है।
4. निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी है
5. निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढकना जरूरी है
6. निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिन्हित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है
7. किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखना है
8. निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होनी चाहिए। साथ ही साथ ही वेट जेट का उपयोग पत्थर काटने में किया जाना चाहिए
9. निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए
10. 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट्स जाने वाली सड़क पक्की और ब्लैक टोप्पड होनी चाहिए
11. निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट का साइट पर ही रिसायकल किया जाना चाहिए या उसका चिन्हित साइट पर निस्तारण किया जाए और उसका रिकॉर्ड रखा जाए
12. निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्ट मास्क देना पड़ेगा
13. निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी श्रमिकों के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी
14. निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय के दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाना पड़ेगा