असम सरकार ने मिजोरम के साथ सीमा विवाद को लेकर हुए संघर्ष में पांच पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक की मौत पर मंगलवार से तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। इस बीच असम-मिजोरम सीमा पर तनाव बना हुआ है और सीमा से लगते कछार जिले के लोगों ने पड़ोसी राज्य को आर्थिक नाकेबंदी की धमकी दी है। असम सरकार ने एक आदेश जारी करने बताया कि राजकीय शोक की अवधि में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा और सार्वजनिक मनोरंजन के कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे।
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो जाने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 घायल हो गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से बातचीत की और विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने की उनसे अपील की। इससे पहले शाह ने पिछले सप्ताह भी पूर्वाेत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करके उनसे सीमा विवाद को हल करने की अपील की थी।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि असम-मिजोरम की सीमा से लगते जिलों कछार, करीमगंज, हैलाकांडी में 3 कमांडो बटालियन तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि असम अतिक्रमण को लेकर मिजोरम के साथ सीमा विवाद के बाद इनरलाइन फॉरेस्ट की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाएगा। शर्मा ने सिलचर में मंगलवार को पांचों पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की। इस बीच काबूगंज और ढोलई इलाके के लोगों ने किसी भी वाहन को पड़ोसी राज्य में जाने से रोकने के लिए मंगलवार सुबह 9 बजे से मिजोरम की ओर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया।
कांग्रेस ने असम-मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कहा कि युद्ध जैसी स्थिति के लिए गृह मंत्री को जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और मांग की कि इस पूरी घटना की जांच होनी चाहिए।
केंद्र ने असम और मिजोरम की सीमा पर हुई हिंसा के आलोक में बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों की बैठक बुलाई है।