ऑटोमोबाइल पाट्र्स बाजार के कारोबारी अपनी दुकानें किराए पर चढ़ाने के लिए ग्राहक ढूंढ़ रहे हैं।
मंदी की मार झेल रहे इन दुकानदारों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भी कटौती शुरू कर दी है। उनका कहना है कि फिलहाल 5 फीसदी बड़ी दुकानें ही अपना खर्चा निकाल पा रही हैं। पिछले दो महीनों के दौरान इनकी बिक्री में 75 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी है।
करोल बाग स्थित दोपहिया एवं तिपाहिया पाट्र्स के कारोबारियों ने बताया कि उनके स्टॉक में 1 करोड़ रुपये का माल पड़ा है, लेकिन इन दिनों रोजाना 5 हजार रुपये की भी बिक्री नहीं हो पा रही है।
दूसरी तरफ उन्हें बैंक को ब्याज भी चुकाना पड़ रहा है। करोल बाग स्कूटर पाट्र्स कारोबारी एसोसिएशन के पदाधिकारी अमृत लाल बंसल कहते हैं, ‘अब कारोबार बिल्कुल नहीं बचा है। करोल बाग ऑटो पाट्र्स के 50 फीसदी दुकानदार अपनी दुकानें किरए पर देने के लिए तैयार बैठे हैं ताकि कुछ खर्चा निकल सके। कई दुकानदार तो अपनी दुकानें बेचने तक का मन बना चुके हैं।’
करोल बाग में दोपहिया वाहनों के पाट्र्स की 3000 से अधिक दुकानें हैं। और यहां रोजाना कम से कम 10 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। कारोबारियों के मुताबिक फिलहाल यह कारोबार रोजाना 2.5 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
उन्होंने बताया कि पहले जिस दुकान में चार कर्मचारी काम कर रहे थे वहां अब 2 कर्मचारी ही रह गए हैं। बंसल कहते हैं कि अधिकतर खरीदारी फाइनेंस के सहारे होती है।
बैंकों ने वाहन खरीदारी के लिए कर्ज देने में काफी सख्ती कर दी है। लिहाजा पिछले साल के मुकाबले बिक्री में भारी गिरावट है।
बजाज कंपनी के दोपहिया वाहनों की बिक्री में इस साल के नवंबर माह में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 37 फीसदी की कमी आयी है वही टीवीएस के लिए यह गिरावट 15 फीसदी रही। कश्मीरी गेट के ऑटोमोबाइल पाट्र्स के व्यापारियों की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है।
इस बाजार के कारोबार में 50-60 फीसदी तक की कमी है। कारोबारी नरेंद्र कहते हैं, ‘उनका कारोबार तभी फलता-फूलता है जब बाजार में सेकेंड हैंड कारों की संख्या अधिक होगी। पिछले दो महीनों से गाड़ियों की खरीदारी में लगातार गिरावट हो रही है।’
उन्होंने बताया कि छह माह पहले तक कच्चे माल की तेजी के कारण उनका कारोबार सुस्त पड़ गया था तो अब मंदी के कारण।
ऑटोमोबाइल पाट्र्स के निर्माता एवं फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष राजीव चावला कहते हैं, ‘वैसे भी नवंबर एवं दिसंबर में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का कारोबार मंदा रहता है।
मंदी के भंवर में फंसा आटो कलपुर्जा उद्योग
सिर्फ 5 फीसदी कारोबारी ही खर्च निकाल पा रहे हैं
दिल्ली के करोल बाग में बंदी की नौबत
दैनिक कारोबार 10 करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये हुआ
कारोबारियों को हालात में जल्द सुधार की उम्मीद नहीं
कश्मीरी गेट में कारोबार 60 फीसदी तक घटा
दुपहिया वाहनों की बिक्री घटने से उद्योग हलकान