वेदांता नियंत्रित भारत एल्यूमीनियम कंपनी (बाल्को) अपने कोरबा परिसर में एक नई एल्यूमीनियम रिफाइनरी स्थापित करने की योजना बना रही है।
बाल्को के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक प्रमोद सूरी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘कंपनी परियोजना की व्यवहार्यता पर काम कर रही है और प्रस्ताव अभी पाइपलाइन में है। नई रिफाइनरी को कंपनी के कोरबा परिसर में ही स्थापित किया जाएगा।’
बाल्को में वेदांता समूह की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी और राज्य सरकार के बीच हुए एक समझौते के तहत प्रति वर्ष 650000 टन क्षमता वाली एक प्रगालक संयंत्र की स्थापना की गई थी। वेदांता एल्यूमीनियम की उत्पादन क्षमता को 100000 से 350000 टन प्रति वर्ष बढ़ाने और विस्तार की जुगत में जुट गई है।
विस्तार परियोजनाएं पूरी हो जाने के बाद इसकी क्षमता 10 लाख टन प्रति वर्ष बढ़ जाएगी और बाल्को दुनिया की सबसे बड़ी एल्यूमीनियम उत्पादक बन जाएगी। सूत्रों का कहना है कि विस्तार योजना के लिए कंपनी के पास पर्याप्त जमीन है और उसे संयंत्र लगाने के लिए अतिरिक्त भूमि की जरूरत नहीं होगी। लेकिन संयंत्र को लेकर कंपनी को विरोध का सामना करना पड़ सकता है।