बीड़ी की लत कोई अच्छी बात नहीं है लेकिन तस्वीर का एक पहलू यह भी है कि बीड़ी उद्योग देश के करीब 3 लाख किसानों और 4.4 लाख मजदूरों को रोजी-रोटी मुहैया कराता है।
पिछले सप्ताह मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बीड़ी पीने से हर साल करीब 6 लाख लोग असमय मौत का शिकार हो जाते हैं लिहाज उद्योग पर सख्त स्वास्थ्य मानक लागू होने चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय की इस मुहिम पर तंबाकू उद्योग को सख्त ऐतराज है। ऑल इंडिया बीड़ी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेश गुप्ता ने बताया कि ‘बीड़ी बनाने का काम काफी छोटे स्तर पर किया जाता है। ऐसे में नियमों को कड़ा करने पर लाखों लोगों को अपनी रोजीरोटी से हाथ धोना पड़ेगा।’ बीड़ी उद्योग में बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिलता है तथा ग्रामीण कल्याण और अर्थव्यवस्था में उद्योग की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि ‘स्वास्थ्य मंत्रालय बीड़ी के पैकेट के एक हिस्से पर इसे पीने से होने वाली बीमारियों के खतरनाक चित्र छापने के लिए दबाव बना रहा है। यदि ऐसा किया जाता है तो बीड़ी की परंपरागत पैकिंग के तरीके को बदलना होगा जबकि उद्योग इतना खर्च उठाने के लिए तैयार नहीं है।’
बात तेंदू पत्ते की
तेंदू पत्ते में तंबाकू लपेट कर बीड़ी बनाई जाती है। तेंदू पत्ते के उत्पादन के लिहाज से मध्य प्रदेश अव्वल है। यहां प्रति वर्ष तेंदू पत्ते के 25 लाख मानक बैग का उत्पादन किया जाता है। मध्य प्रदेश में 15,000 को-आपरेटिव सोसाइटी तेंदू पत्ते तोड़ने का काम करती हैं।
राज्य सरकार ने हाल में तेदूं पत्ते का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 550 रुपये प्रति बैग कर दिया है। मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बिहार और राजस्थान में तेंदू पत्ते की पैदावार होती है। छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष तेंदू पत्ते के 20 लाख मानक बैग तैयार होते हैं। राजस्थान के 13 जिलों में तेंदू पत्ते की पैदावार होती है जिससे 1.37 लाख लोगों को रोजगार मिलता है।
विदेश में भी बीड़ी की धूम
भारतीय बीड़ी की धूम विदेश तक पहुंच चुकी है। वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान 624 टन बीड़ी का निर्यात किया गया जिसकी कुल कीमत 44.57 करोड़ रुपये थी। इससे पूर्व वर्ष के दौरान 39.08 करोड़ रुपये मूल्य की 1079 टन बीड़ी का निर्यात किया गया था। इस दौरान निर्यात में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। भारत से संयुक्त अरब अमीरात, यमन, अमेरिका, सिंगापुर और ईरान को बीड़ी का निर्यात किया जाता है।
बीड़ी जलई ले, जिगर से …
स्वास्थ्य को लेकर तमाम आशंकाओं के बावजूद हिन्दुस्तानी बीड़ी की अमेरिका में धूम मची है। वहां भारत में तैयार चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी के फ्लेवर वाली बीड़ी काफी बिकती है। नौजवान अमेरिकी बिंदास दिखने के लिए बीड़ी पीना पसंद करते हैं।
बीड़ी उद्योग लाखों की संख्या में गरीब लोगों को रोजगार मुहैया कराता है। सरकार को चाहिए कि इन लोगों पर होने वाले असर को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला ले। – वेंकैया नायडू, पूर्व भाजपा अध्यक्ष और सदस्य तंबाकू बोर्ड