उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट कंपनी (यूआईपीसी) लिमिटेड जल्द ही छह जलविद्युत परियोजनाओं के लिए बोली आमंत्रित कर सकती है।
इन परियोजनाओं में से चार पौड़ी जिले की नयर घाटी में और दो देहरादून जिले में शुरू की जाएंगी। यूआईपीसी आईएलएंडएफएस और राज्य सरकार की संयुक्त उद्यम कंपनी है।
इस परियोजना में 17 मेगावाट क्षमता वाला नयर बांध, 2 मेगावाट क्षमता वाला संतूधार-1, 2 मेगावाट क्षमता वाला संतूधार-2 और 2.25 मेगावाट क्षमता वाला ब्याली गांव शामिल है। ये सभी पौड़ी जिले में गंगा की सहायक नदी नयर पर बनाई जाएंगी। नयर सालों भर बहने वाली नदी है और घाटी में इस नदी का जलग्रहण क्षेत्र बहुत बड़ा है। इसके अतिरिक्त अन्य दो प्रोजेक्ट देहरादून में शुरू किए जाएंगे।
इनमें 1 मेगावाट क्षमता वाली पुरकुल परियोनजा और 0.2 मेगावाट क्षमता वाली बिजापुर परियोजना शामिल है। ये दोनों प्रोजेक्ट टोंस नदी पर बनाई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि इन परियोजनाओं में से नयर लघु जल विद्युत परियोजना सबसे बड़ी है। यह परियोजना पौड़ी जिले के मरोड़ा गांव के नजदीक शुरू की जाएगी। इस परियोजना में तीन टरबाइन जेनरेटिंग यूनिट लगाई जाएगी और हर यूनिट 5.66 मेगावाट की होगी।
यह उम्मीद की जताई जा रही है कि 129.58 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस बांध से 69.56 मिलियन किलोवाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। संतूधार-1 बांध को संतूधार गांव के नजदीक प्रस्तावित किया गया है और इसका पावरहाउस ज्वाल्पा देवी मंदिर के नजदीक बनाया जाएगा। इस बांध को 17.54 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इसमें दो टरबाइन होंगे और हर टरबाइन एक मेगावाट को होगा।
एक अनुमान के मुताबिक इस बांध से सलाना औसतन 8.42 मिलियन किलोवाट बिजली का उत्पादन संभव हो पाएगा। संतूधार-2 बांध को मलेठी गांव के नजदीक बनाया जाएगा। इसे बनाने में कुल 19.99 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस बांध से सलाना 8.23 मिलियन किलोवाट बिजली का उत्पादन संभव सकेगा।
ब्याली गांव प्रोजेक्ट को ब्याली गांव में प्रस्तावित किया गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 19.48 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस प्रोजेक्ट से सलाना 9.29 मिलियन किलोवाट बिजली जेनरेट किया जाएगा।