भारतीय रिजर्व बैंक से 1 रुपये और 2 रुपये के सिक्के लेकर उन्हें गलाकर ब्लेड बनाने वाले गिरोह का भांडाफोड़ होने के बाद केन्द्रीय बैंक ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
रिजर्व बैंक ने पकड़े गए लोगों पर देशद्रोह व रासुका (एनएसए) के तहत मामला दर्ज करने की सिफारिश की है।गौरतलब है कि कल रिजर्व बैंक की शिकायत के बाद पुलिस ने रिजर्व बैंक के बाहर से चार महिलाओं सहित 22 लोगों को 220 किलो सिक्कों के साथ गिरफ्तार किया था। एसएसपी ए के सिंह के मुताबिक पकड़े गए लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई किए जाने की तैयारी की जा रही है।
रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक जे बी भोरिया ने बताया कि रिजर्व बैंक प्रतिदिन आम जनता को सिक्के उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 5 से 6 लाख रुपये के सिक्के काउंटर से बांटता है। इन काउंटरों से कोई भी व्यक्ति कितने भी सिक्के ले सकता है।
उन्होंने बताया कि 1 और 2 रुपये के सिक्के स्टील के बने होते हैं जबकि 5 रुपये का सिक्का कापर और निकल धातु का। जनता में सर्वाधिक मांग एक व दो रुपये के सिक्कों की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ में बताया कि एक व दो के सिक्कों को गलाकर पहले उनकी सिल्लियां बनाई जाती हैं। इसके बाद ब्लेड बनाने के लिए उन्हें मुंबई भेज दिया जाता है। एक रुपये के एक सिक्के से स्टील से 9 ब्लेड तैयार होते हैं।
भोरिया के मुताबिक बैंक को ऐसी जानकारी मिली थी कि सिक्कों की कालाबाजारी करने वाला गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य 10 प्रतिशत कमीशन पर काम करते हैं और बैंक से सिक्के लेकर गिरोह के सरगना को सौंप देते हैं जो उन्हें गलाकर सिल्लियां बनाने का काम करता है तथा इन सिल्लियों को आगे भेज दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि चूंकि भारतीय मुद्रा को नष्ट करना राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है इसलिए उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से इसमें राष्ट्रद्रोह और एनएसए के तहत मामला दर्ज करने को कहा है।
सिंह ने बताया कि पकड़े गए 22 लोग वह छोटी कड़ियां हैं जिनका काम केवल 10 प्रतिशत कमीशन लेकर रिजर्व बैंक से सिक्के लाना है। बड़ा काम तो वह गिरोह करता है जो इन्हें गलाकर ब्लेड बनाने के लिए आगे भेजता है। गिरोह के सदस्यों की तलाश की जा रही है तथा पकड़े गए लोगों पर एनएसए के तहत कार्रवाई के लिए विधिक राय ली जा रही है। भोरिया के मुताबिक काउंटर के पास सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।