देश में आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों में सस्ती चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी-के) पहल कर रहा है।
संस्थान कुछ ऐसे महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों को विकसित कर रहा है जो प्रचलित उपकरणों की कीमत से संभवत: 80 फीसदी सस्ते होंगे। इस योजना के तहत गहन देखभाल यूनिट (आईसीयू) जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं को मदद पहुंचाई जाएगी। इससे मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले नागरिक लाभांवित होंगे।
शहर का प्रतिष्ठित हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान (एचबीटीआई) भी शहर में इलेक्टॅ्रानिक उपकरण विनिर्माण हब बनाने के लिए काम करेगा। वर्तमान में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी मशीन की कीमत कम से कम 75,000 रुपये है लेकिन अगर आईआईटी-के अपनी योजनाओं में सफल हो जाता है तो इसकी कीमत करीब 15,000 रुपये हो जाएगी।
इसी तरह, खून में ऑक्सीजन की मात्रा नापने वाली मशीन की कीमत वर्तमान में 50,000 रुपये है लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह महज 10,000 रुपये में उपलब्ध हो सकेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो चिकित्सा उपकरणों की मौजूदा कीमत में 80 फीसदी तक की कमी आ जाएगी।
आईआईटी कानपुर में यांत्रिक विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एन एस व्यास ने बिजनेस स्टैंडर्ड के बताया कि इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। संस्थान के मेडिकल ऑफिसर निर्मल कुमार ने बताया, ‘वर्तमान में, आईसीयू की स्थापना करने में कम से कम 20 लाख रुपये निवेश करना पड़ता है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद आईसीयू की स्थापना महज चार लाख के आसपास संभव हो सकेगी।’
आईआईटी कानपुर में अध्यापकों का टोटा
कानपुर आईआईटी अध्यापकों की कमी से जूझ रहा है। संस्थान को आईआईटी राजस्थान में बीटेक कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी मिलने के हालात और भी मुश्किल हो गए हैं। संस्थान में पहले ही 100 अध्यापकों की कमी थी जबकि इस साल 120 छात्र बढ़ गए हैं। यदि नियम कायदों की बात की जाए तो 10 छात्रों पर एक अध्यापक को होना चाहिए।
इन अनुपात को कायम करने के लिए करीब 50 और अध्यापकों की नियुक्ति करनी होगी। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. धंडे ने बताया कि इस समय प्रत्येक 12 छात्र पर एक अध्यापक है। उन्होंने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में हमारे प्रोफोसरो की काफी मांग है। उन्होंने अध्यापकों के वेतन और भत्तों को बेहतर बनाने की बात मानी।