सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी होने से छत्तीसगढ़ सरकार जहां सकते में आ गई है, वहीं कांग्रेस का विरोधी खेमा इस मौके का फायदा उठाने की ताक में है।
गौरतलब है कि इस बुधवार को राज्य की सीमेंट उत्पादन कंपनियों ने कीमतों में 28 रुपये की अचानक बढ़त कर दी है। इससे राज्य में अब सीमेंट की कीमतें 213 रुपये प्रति बोरी हो गई है।
सीमेंट विक्रेता बताते है कि इसके पहले सीमेंट की कीमतों में इतनी जबर्दस्त बढ़ोरती कभी नहीं हुई है। कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी से हरकत में आई राज्य सरकार ने सीमेंट निर्माण करने वाली कंपनियों से कीमतों में अचानक बढ़ोतरी करने का कारण पूछा है।
राज्य सरकार के संबधित विभाग के सचिव पी रमेश कुमार का कहना है कि’सरकार कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों की जांच करने के साथ दूसरे राज्यों में सीमेंट की कीमतों की तुलना भी कर रही है।’
सीमेंट कंपनियों का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी अचानक नहीं हुई है। एक सीमेंट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते है कि’छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमतें देश के दूसरे राज्यों की अपेक्षा काफी कम थी। ऐसे में सीमेंट की भारी-भरकम आपूर्ति दूसरे राज्यों को होने लगी थी जिसके चलते घरेलू बाजार में सीमेंट की आपूर्ति का टोटा हो गया था।’
गौरतलब है कि राज्य में देश के कुल सीमेंट उत्पादन का लगभग 6 फीसदी उत्पादन होता है। लेकिन आगामी चुनावों में इस मौके का फायदा उठाने के लिए विरोधी खेमे कांग्रेस ने कमर कस ली है।
राज्य की कांग्रेस समिति के अध्यक्ष धनेन्द्र साहू का कहना है कि ‘भाजपा ने ही कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सीमेंट कंपनियों को शह दी है ताकि पार्टी फंड के लिए वे ज्यादा चंदा दे सकें।’