नवाबों के शहर में आइए और निकल पड़िए आसमान की सैर पर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:40 AM IST

लखनऊ उत्तर भारत में विमानन प्रशिक्षण का एक नया केंद्र बनकर उभर रहा है। इस क्षेत्र के बड़े बड़े संस्थान लखनऊ में अपने सेंटर खोल रहे हैं।


वैसे भी शहर में फ्रैंकफिन इंस्टीटयूट ट्रेनिंग ऑफ एयर होस्टेस ट्रेनिंग, ऐवलॉन एविऐशन एकेडमी, विंग्स एकेडमी ऑफ एयर होस्टेस ऐंड हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग नाम के  कई संस्थान पहले से ही मौजूद हैं। इसके अलावा दर्जनों संस्थान विमानन क्षेत्र में कैरियर के प्रति बढ़ती रुचि को ध्यान में रखकर अपनी ब्रांच खोल रहे हैं।

लखनऊ उत्तर प्रदेश का एकमात्र ऐसा शहर है जहां एक एयरपोर्ट क्रियाशील है। इस एयरपोर्ट से कई अंतरराष्ट्रीय उडानें भी भरी जाती है। इसका फायदा ये संस्थान उठाना चाह रहे हैं। शहर के आसपास के इलाकों के युवा इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए काफी उत्सुक हैं और इस उत्सुकता का आलम यह है कि बड़ी संख्या में युवा इन संस्थानों में पूछताछ और नामांकन करवा रहे हैं।

एवेलॉन एविएशन एकेडमी के सेंटर मैनेजर अरुण रावत ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सबसे ज्यादा जानकारी एयर होस्टेस के कैरियर के बारे में ली जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लड़के लड़कियों के पास क्षेत्र के बारे में आधी अधूरी जानकारी होती है और उन्हें यह पता नहीं होता कि इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए किन चीजों की दरकार होती है।

मजेदार बात तो यह है कि कई लड़के यह पूछने आते हैं कि क्या वे एयर होस्टेस का कोर्स करके अपना कैरियर बना सकते हैं, तो इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके पास कितनी जानकारी है। तब ऐसी क्या चीज है जो इन युवाओं को संस्थानों तक खींच लाती है। उद्योग सूत्र का कहना है कि इस क्षेत्र के ग्लैमर को देखकर युवा इन कोर्सों के बारे में पूछताछ करने आते हैं।

एक वरिष्ठ शिक्षाविद् ने कहा कि ग्लैमर की वजह से युवा वर्ग इस क्षेत्र में कैरियर बनाने को काफी आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन अब ट्रेंड तेजी से बदल रहा है। नई पीढ़ी इंटरनेट का इस्तेमाल कर इस क्षेत्र के बारे में काफी जानकारियां इकट्ठा कर रही है। इस वजह से इस उद्योग को लेकर उनकी जानकारी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए अब जो पूछताछ के लिए लोग आते हैं, वे ग्राउंड स्टाफ और टेक्निकल कैरियर के विकल्पों पर भी बात करते हैं।

बेहतरीन वेतन पैकेज, आकर्षक सुविधाएं और ग्लैमर की वजह से यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बन रहा है लेकिन दूसरी तरफ व्यस्त कार्यक्रम, लंबी फ्लाइट की अवधि, और हर दबाव की स्थिति में मुस्कराते रहने जैसे कामों में कठिनाइयां भी नजर आती है। विंग्स एकेडमी की बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर रितु बोगरा कहती हैं कि उद्योग कड़ी मेहनत की मांग करता है।

इसमें उडान की अवधि लंबी लंबी होती है और लगातार फ्लाइट की वजह से कार्यक्रम काफी व्यस्त रहता है। इतने दबाव के बावजूद पैसेंजर को खुश रखने के लिए हमेशा एक मुस्कान बिखेरनी पड़ती है। इस बात से अंदाजा लग सकता है कि इस क्षेत्र में उन्नति करने के लिए कितनी मेहनत करने की जरुरत है। इस क्षेत्र में कैरियर लंबा नही होता है। शुरुआती आठ सालों तक तो काफी ग्लैमर नजर आता है।

जैसे ही एयर होस्टेस की शादी हो जाती है, उसका कैरियर उतना प्रभावी नहीं होता है। इस संबंध में विंग्स एकेडमी की सेंटर मैनेजर पल्लवी भदौरिया का कहना है कि शादी के बाद घर की जिम्मेदारी और काम का दबाव दोनों झेलना काफी मुश्किल हो जाता है।

इसके बावजूद इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की भरपूर संभावना है। इस संभावना को भुनाने के लिए ये कोचिंग और टे्रनिंग संस्थान भी नए नए जगहों की तलाश करने में जुटे हैं। इस लिहाज से संस्थानों की नजर उत्तरप्रदेश के बरेली, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और बिजनौर पर है। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षो में महानगरों के अलावा अन्य शहरों को जोड़ने वाली उड़ानों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। इस कारण विमानन प्रशिक्षण संस्थानों  की मांग तेजी से बढ़ेगी।

First Published : June 19, 2008 | 9:32 PM IST