मध्यप्रदेश के लगभग सभी छोटे-मझोले उद्योगों को मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। इसकी वजह से तमाम कंपनियों को अपने उत्पादन में कटौती की है।
हालांकि कुछ कंपनियां खास योजना बनाकर मंदी का मुकाबला कर रही हैं। देवास स्थित ऑटो पाट्र्स निर्माता एसटीआई सनोह इंडिया लिमिटेड ने मंदी के इस दौर में लागत कम करने के लिए खास रणनीति तैयार की है।
कंपनी का कहना है कि वह ऑटो कंपनियों को ब्रेकिंग, फ्यूल पाइप, कंडेन्सर की आपूर्ति करती है, लेकिन मंदी की वजह से ऑर्डर में करीब 15 से 18 फीसदी की गिरावट आई है। ऐसे में कंपनी बिना कर्मचारियों की छंटनी किए मंदी से उबरने की जुगत लगा रही है।
कंपनी के सीओओ राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि लागत कम करने के लिए कारीगरों के कार्यदिवस को 7 दिन से घटाकर 4 दिन कर दिया गया है, वहीं अन्य कर्मचारियों के कार्यदिवस को घटाकर सप्ताह में पांच दिन कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि ऑटो पाट्र्स के अलावा, कंपनी सैमसंग, व्हर्लपूल, होंडा, एलजी आदि कंपनियों को कंडेंसर की भी आपूर्ति करती है।
लेकिन सभी जगह से इन दिनों मांग घट गई है। कुल मिलाकार कंपनी की बिक्री में करीब 40 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में मंदी के बादल छंट जाएंगे और फिर से मांग बढेग़ी।
राजेंद्र ने बताया कि मंदी से उबरने के बाद कंपनी उत्पादन की क्षमता तो बढ़ाएगी ही, नए उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार लाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए कंपनी माह में 6 दिन उत्पादन बंद करने की योजना बना रही है।
लागत घटाने के लिए कंपनी अन्य खर्चों में भी कटौती कर रही है। इसके तहत विदेशी यात्राओं पर रोक लगा दी गई है, जबकि ग्राहकों से बात करने के लिए टेली-कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया जा रहा है, जो काफी कारगर साबित हो रहा है। साथ ही कर्मचारियों को दी जा रही कई अन्य सुविधाओं में भी कटौती की गई है।
इससे कंपनी को करीब 20 लाख रुपये की बचत हो रही है। राजेंद्र का मानना है कि बाजार में नकदी संकट और महंगाई की वजह से मांग में कमी आई थी, लेकिन सस्ते लोन और अन्य सरकारी कवायद से वाहनों की मांग बढ़ेगी, जिससे कंपनी की मांग बढ़ेगी।
वाहनों की बिक्री घटने से ऑटो पाट्र्स की मांग पर पड़ा असर
उत्पादन लागत में कटौती की रणनीति
हवाई यात्रा और अन्य खर्चों पर रोक
सप्ताह में काम के दिन घटाकर 5 किए