कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि दोबारा सत्ता में आने पर वह गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों को 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने 25 किलो चावल या गेहूं उपलब्ध कराने के लिए कानून बनाएगी।
कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून की तर्ज पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून बनाने का वादा करते हुए कहा कि वह खाद्य सुरक्षा को अधिकार बनाने संबंधी कानून पारित करेगी जिसके अंतर्गत सब लोगों और खासकर समाज के कमजोर तबके के लोगों को पर्याप्त भोजन देने की गारंटी होगी।
घोषणा पत्र के अनुसार हर शहर में केन्द्र सरकार की मदद से सब्सिडी आधारित साझा चूल्हे स्थापित किए जाएंगे ताकि बेघर और बाहर से आने वाले लोगों को भोजन मिल सके। इसके साथ ही पार्टी ने अपने घोषणापत्र में किसानों और उनके परिवारों के लिए बेहतरी वाली परियोजनाएं शुरू करने की भी घोषणा की है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए जहां भारतीय जनता पार्टी पर विध्वंसकारी ताकत होने का आरोप लगाया तो तीसरे मोर्चे को अराजकता की खिचड़ी बताया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद और मंदी की चुनौतियों से निर्णायक ढंग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आतंक से निपटने की भाजपा की ढुलमुल विदेश नीति की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा कि देश को बुध्दिमत्तापूर्ण नीति की आवश्यकता है जो पिछले पांच साल के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने अपनाई।
मुंबई हमलों के बाद किए गए राजनयिक प्रयासों को पूरा श्रेय देते हुए उन्होंने कहा कि इन्हीं राजनयिक प्रयासों की बदौलत पाकिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसके नागरिकों ने मुंबई हमलों को अंजाम दिया।
घोषणापत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान की यह स्वीकारोक्ति हमारी बुध्दिमत्तापूर्ण विदेश नीति की महान विजय है। कांग्रेस ने तीसरे मोर्चे को मौकापरस्त पार्टियों का जमावड़ा बताते हुए कहा कि उसके पास न तो प्रतिबध्दता है और न ही क्षमता।
वामपंथी दलों को भारत अमेरिकी परमाणु करार पर उनके रुख के लिए आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने बिना किसी जवाबदेही के सत्ता का इस्तेमाल करने की कोशिश की। संप्रग सरकार को बाहर से चार साल समर्थन देने वाले वाम दलों के बारे में घोषणापत्र में कहा गया कि हर कदम पर वामपंथियों ने अनुशासन संयम और सादगी का उल्लंघन किया जो किसी गठजोड़ को चलाने के लिए अनिवार्य है।
3 साल में सभी गांवों को मिलेगा ब्रॉडबैंड कनेक्शन
नरेगा की तर्ज पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून
1 अप्रैल 2010 से सामान और सेवा कर की शुरूआत
छोटे कारोबारियों और छोटे एवं मझोले उद्यमियों को बढ़ावा