कोरोना महामारी की दूसरी लहर कहर बनकर बरप रही है। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी है। मुंबई के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारु रूप से हो सके, इसके लिए बीएमसी ने अधिकारियों का खास दस्ता तैयार किया है, जो अस्पतालों और कोविड केंद्रों में ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने की तैयारी करेगा।
ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था देखने के लिए बीएमसी ने छह समन्वय अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो सिर्फ शहर में ऑक्सीजन आपूर्ति पर ध्यान देगें। बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा कि समन्वय अधिकारी ऑक्सीजन आपूर्ति, आपूर्तिकर्ता, वॉर्ड के उपायुक्त और एफडीए अधिकारियों के बीच समन्वय का काम करेंगे। फिलहाल, मुंबई में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 150 कोविड अस्पताल हैं, जहां 22 हजार बेड हैं। मुंबई के अस्पतालों को 235 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। आने वाले दिनों में यह मांग बढ़ सकती है, इसलिए बीएमसी तैयारी में जुट गई है। एक समन्वय अधिकारी के अधीन चार वार्ड होंगे और कोविड का इलाज कर रहे 64 केंद्र होंगे। इन केंद्रों पर सही समय पर ऑक्सीजन पहुंचे और ऑक्सीजन का बर्बादी न हो, इसका भी ध्यान अधिकारी रखेंगे। बीएमसी ने कई निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन के सही इस्तेमाल की हिदायत भी दी है।
मुंबई महानगरी क्षेत्र सहित पूरे महाराष्ट्र में जिस गति से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसी तेज गति से ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अनुमान है कि इस महीने के अंत तक राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 11.9 लाख तक पहुंच सकती है, इसलिए ऑक्सीजन की मांग 2,000 टन तक होगी। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हवाई सेवा का उपयोग करने की अनुमति दें। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि राज्य में उत्पादित 1,200 मीट्रिक से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है। अप्रैल के आखिर तक ऑक्सीजन की मांग प्रतिदिन 2,000 टन तक जा सकती है।
केंद्र ने शुक्रवार को राज्यों को निर्देश दिया कि अपनी सीमाओं से चिकित्सकीय ऑक्सीजन लेकर गुजरने वाले वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करें और कहा कि उन्हें कहीं भी आवश्यक जन स्वास्थ्य सामग्री के उत्पादन और आपूर्ति पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों के अंदर कोविड-19 रोगियों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के परिप्रेक्ष्य में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को यह संदेश भेजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विस्तृत समीक्षा की ताकि देश में पर्याप्त चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और इसके उत्पादन में तेजी लाने की अपील की। भल्ला ने राज्यों से कहा कि ऑक्सीजन निर्माताओं पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा कि वह जिस राज्य में स्थित हैं, केवल वहीं के अस्पतालों तक उनकी ऑक्सीजन आपूर्ति सीमित रहेगी। साथ ही शहरों के बीच बिना किसी समय पाबंदी के ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही मुक्त रूप से होगी।
मुख्यमंत्री ठाकरे का कहना है कि राज्य में बड़े पैमाने पर कोविड जांच की जा रही है और इसे लगातार बढ़ाया जा रहा है। फिलहाल, राज्य में 5.64 लाख कोरोना के सक्रिय मरीज हैं। मरीजों की संख्या जिस गति से बढ़ रही है, उससे आशंका है कि 30 अप्रैल तक राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 11.9 लाख तक हो सकती है। पिछले साल सितंबर 2020 में पूरे देश में सक्रिय मरीज 10.5 लाख थे।