दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की मार पड़ी है। इस वित्त वर्ष चालू व स्थिर दोनों मूल्यों पर दिल्ली की जीडीपी में गिरावट आने का अनुमान है। जीडीपी घटने के साथ ही दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में भी कमी का अनुमान है। दिल्ली सरकार मंगलवार को वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी।
राज्य के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा विधानसभा के पटल पर रखी। इसके मुताबिक वर्ष 2020-21 में स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 5,78,971 करोड़ रुपये दर्ज की गई, यह पिछले वित्त वर्ष की जीडीपी 6,13,843 करोड़ रुपये से 5.68 फीसदी कम रही। इस वित्त वर्ष चालू कीमतों पर जीडीपी 7,98,310 करोड़ रुपये रही,जो पिछले वित्त वर्ष की जीडीपी 8,30,872 करोड़ रुपये से 3.92 फीसदी कम रही। वर्ष 2019—20 के दौरान स्थिर मूल्यों पर जीडीपी में 7.10 फीसदी और चालू कीमतों पर जीडीपी में 10.64 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।
लॉकडाउन के कारण दिल्ली वालों की आय भी प्रभावित हुई। वर्ष 2020—21 में चालू कीमतों पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय 5.91 फीसदी घटकर 3,54,004 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय में 7.53 फीसदी कमी आई है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय में गिरावट राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में आई गिरावट से कम ही है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में इस वित्त वर्ष 9.1 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय की तुलना में 3 गुना अधिक है।
वित्त मंत्री सिसोदिया ने आज विभिन्न विभागों का वर्ष 2020-21 का आउटकम बजट भी विधानसभा पेश किया जिसमें शिक्षा विभाग के 84 फीसदी कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग के 80 फीसदी, परिवहन विभाग के 71 फीसदी, दिल्ली जल बोर्ड के 62 फीसदी, विदयुत विभाग के 75 फीसदी, पर्यावरण विभाग के 79 फीसदी, वन विभाग के 77 फीसदी, पीडब्ल्यूडी के 73 फीसदी, महिला व बाल विकास के 60 फीसदी, समाज कल्याण विभाग के 62 फीसदी कार्यक्रम ऑन ट्रैक चलने का दावा किया गया है।