कोविड-19 पर काबू पाने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील के बीच करीब दो महीने बाद सोमवार को मुंबई में रेस्तरां, जिम, सैलून व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान फिर से खुल गए। दफ्तारों के खुलते ही लोग काम पर निकल पड़े जिस कारण अनलॉक के पहले ही दिन मुंबई की सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, सड़कों पर भारी ट्रैफिक और बस स्टॉप पर लंबी लाइनों में खड़े लोग बसों का इंतजार करते दिखे।
अनलॉक होने के साथ ही कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है। सरकार और प्रशासन की सबसे बड़ी चिंता यही है, इसीलिए सरकार लोगों से सावधान रहने की अपील की है। मुंबई नगर महाराष्ट्र सरकार की पांच स्तरीय अनलॉक योजना की तीसरी श्रेणी में आता है। इस बीच, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने नागरिकों से अपील की है कि वे कोरोना वायरस से बचाव में कोई कोताही न बरतें और सभी सावधानियों का पालन करें। नगर निकाय की परिवहन इकाई बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बसों में बैठने की 100 फीसदी क्षमता के साथ चलने की अनुमति दी गई है। हालांकि, लोकल ट्रेनों में चिकित्सा और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति है। मुंबई लोकल को आम जनता के लिए भी खोलने पर जल्द फैसला लिया जा सकता है। मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने इस बात के संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि मुंबई लोकल कई ऐसी जगहों से भी होकर गुजरती है जो फ़िलहाल तीन और पांच स्तर के बीच में हैं। ऐसे में एक सप्ताह तक इस बात की समीक्षा की जायेगी कि लोकल ट्रेन से कोरोना के मामले बढ़ तो नहीं रहे हैं। अगर सब कुछ सामान्य रहा, तो उसके बाद फैसला लिया जा सकता है।
अनलॉक के पहले दिन ही मुंबई की सड़कों पर लोगों की भीड़ दिखाई पड़ी। दफ्तर जाने के लिए लोग बेस्ट बस स्टॉप पर लाइनों में लगे हुए नज़र आये। बस स्टॉप पर लंबी कतारों पर बेस्ट के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बस में सिर्फ उतने ही लोग एक बार में जा सकते हैं, जितनी सीटें उपलब्ध हैं। किसी को भी खड़े होकर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसी वजह से लोगों की कतार काफी लंबी नज़र आ रही है। वहीं रेलवे ने मुंबई लोकल में बिना वैध टिकट वालों के खिलाफ से विशेष ड्राइव शुरू की है ताकि सिर्फ जरुरी सेवाओं से जुड़े लोग ही यात्रा कर सकें।
बीएमसी ने एक ट्वीट कर कहा कि मुंबई, एक विनम्र अनुरोध! हम चरणबद्ध तरीके से वापस पटरी पर आ रहे हैं, हमारा मुख्य लक्ष्य कोरोना मुक्त मुंबई है और हम इस संबंध में कोताही नहीं बरत सकते। हमें सावधान रहना होगा। सभी एहतियातों का पालन करें! महाराष्ट्र सरकार ने साप्ताहिक सकारात्मकता दर और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता के आधार पर राज्य में प्रतिबंधों में ढील देने के लिए पांच-स्तरीय योजना की घोषणा की है। तीसरी श्रेणी के तहत उन स्थानों पर प्रतिबंधों में ढील दी गयी है, जहां संक्रमण दर पांच फीसदी से 10 फीसदी के बीच है। बीएमसी ने प्रतिबंधों में ढील को लेकर रविवार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।
आम लोगों के साथ प्रशासन को सचेत रहने को कहा गया। राज्य भर के जिलाधिकारियों और महानगर पालिकाओं के आयुक्तों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि राज्य में कहीं भी प्रतिबंधों को फिलहाल पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा रहा। स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की परिस्थिति के अनुरूप फैसले लेने का अधिकार दिया गया है, इसलिए जहां जरूरत पड़े वहां प्रतिबंधों को और भी सख्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगर उनके मन में स्थिति के बिगड़ने की जरा सी भी आशंका हो तो प्रतिबंधों को पूरी शक्ति के साथ लागू करने से न चुकें। स्थिति का सामना करते हुए वह किसी के भी दबाव में ना आएं।