कोरोना प्रतिबंध खत्म होने और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद इस साल उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में पर्यटकों की जम कर भीड़ उमड़ी है। लंबे समय के बाद वाराणसी में गरमी व सावन के मौके पर आयी भीड़ ने पर्यटन उद्योग को फिर से उत्साहित कर दिया है।
अकेले सावन के महीने में जुलाई व अगस्त में ही वाराणसी में इस साल एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक वाराणसी पहुंचे हैं जो बीते सालों के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा है। जुलाई और अगस्त के महीने में वाराणसी आने वाले पर्यटकों की तादाद ताजनगरी आगरा से भी ज्यादा रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकापर्ण के बाद से बीते छह महीनों में वाराणसी आने वाले पर्यटकों की तादाद 1.75 करोड़ पार कर गयी है। पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए होटलों व गेस्ट हाउसों ने न केवल अपने कमरों की तादाद में इजाफा किया है बल्कि विस्तार की भी योजना बना रहे हैं। गरमी में मई, जून का महीना आम तौर पर वाराणसी के होटल उद्योग के लिए आफ सीजन होता है पर इस बार पर्यटकों की आमद इन दिनों भी थमी नहीं है।
होटल उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि पर्यटकों की आमद के चलते इस बार धंधे में 50 फीसदी का उछाल आया है। वहीं उनका कहना है कि गंगा आरती को आकर्षक बनाने, घाटों के सौंदर्यीकरण के चलते वाराणसी में रुकने वालों की तादाद में भी इजाफा हुआ है। आमद बढ़ने से होटल वालों नें कीमते भी बढ़ायी हैं और इस बार आफ सीजन में किसी तरह के डिस्काउंट की भी नौबत नहीं आयी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का कहना है कि धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक काशी आ रहे हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक बीते छः महीने में काशी में 1.5 करोड़ से ज्यादा पर्यटकों ने दर्शन किए हैं। इनमें से करीब एक करोड़ ने तो सावन के महीने में ही मंदिर का दर्शन किया है। मंदिर प्रशासन का दावा है कि कारीडोर के निर्माण के बाद से यहां आने वाले दर्शनार्थियों की गिनती कैमरों से की जा रही है। सावन के हर सोमवार को औसतन आठ लाख पर्यटक काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे जबकि अंतिम दिन यह तादाद दस लाख को पार कर गयी थी।
होटल कारोबारियों का कहना है कि सावन का महीना खत्म हो जाने के बाद भी पर्यटकों की आमद में मामूली कमी ही आयी है। माना जा रहा है कि कॉरिडोर के चलते अब साल भर धंधा बेहतर ही रहेगा।