उत्तराखंड सरकार ने कुमाऊं क्षेत्र में सितारगंज औद्योगिक इस्टेट में एल्डिको और सिडकुल के विवादित संयुक्त उद्यम को जमीन आवंटित करने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है इस संयुक्त उद्यम के ऊपर पहले ही जांच चल रही है। सरकार ने हाल में उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) की सिफारिशों के आधाप पर हाल में यह फैसला किया है। सरकार ने 1096 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे एल्डिको-सिडकुल औद्योगिक पार्क (ईएसआईपी) परियोजना में घोटाले का आरोप लगाने के बाद दो जांच आयोग का गठन किया था।
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एल्डिको-सिडकुल संयुक्त उद्यम को सितारगंज में जमीन सौंपने का फैसला किया है। सरकार के फैसले की तरफदारी करते हुए अधिकारी ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि उद्योगपतियों को लग रहा था कि उनके नाम पर पट्टा नहीं दिया गया है। एल्डिको के अधिकारियों से इस बारे में संपर्क करने पर उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कंपनी को जमीन का हस्तांतरण किया जा रहा है। ईएसआईपी में एल्डिको की बहुलांश हिस्सेदारी है।
इस संयुक्त उद्यम की स्थापना सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत की गई थी और इसका मकसद सितारगंज में औद्योगीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाना था। कंपनी के ऊपर हालांकि बाद में एक के बाद एक कई आरोप लगाए गए और पूरा मामला विवादों के घेरे में आ गया। सिडकुल के अधिकारियों का कहना है कि जमीन के हस्तांतरण से जांच आयोग के कामकाज पर कोई असर नहीं होगा और जांच जारी रहेगी। अधिकारी ने बताया कि सितारगंज में अधिकतर औद्योगिकी प्लाटों का आवंटन किया जा चुका है और 30 प्रतिशत शेष प्लाटों के लिए समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं।