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दिल्ली सरकार ने सोलर एनर्जी नीति मसौदे को दी मंजूरी, हिस्सेदारी बढ़कर होगी 25 फीसदी

दिल्ली सोलर एनर्जी नीति 2022 के मसौदे का मकसद साल 2025 तक 6,000 मेगावाट की सौर क्षमता को स्थापित करना है।

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 29, 2022 | 8:01 PM IST

दिल्ली सरकार ने सोलर एनर्जी नीति के मसौदे को हरी झंडी दे दी है। दिल्ली सोलर एनर्जी नीति 2022 के मसौदे का मकसद साल 2025 तक 6,000 मेगावाट स्थापित सौर क्षमता का लक्ष्य स्थापित करना है। ताकि अगले 3 सालों में दिल्ली की वार्षिक बिजली मांग में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 9 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी की जा सके। इस मसौदे को अब स्टेकहोल्डर की टिप्पणियों के लिए 30 दिनों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा। इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पटल पर रखा जाएगा।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नई सोलर एनर्जी नीति दिल्ली में आवासीय और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (GBI) और पूंजीगत सब्सिडी के माध्यम से कई तरह के लाभ प्रदान करेगी। इस नीति का उद्देश्य क्लीन एनर्जी के रूप में सौर ऊर्जा की खपत बढाने के साथ दिल्ली में 12,000 से अधिक हरित रोजगार सृजित करना भी है। दिल्ली में अब 500 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा रूफटॉप एरिया वाली राज्य सरकार की सभी संपत्तियों पर सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य है। इसे चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा।

दिल्ली सरकार देगी सौर ऊर्जा के लिए प्रोत्साहन

सिसोदिया ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य दिल्ली सोलर सेल द्वारा एक इंटीग्रेटेड सिंगल-विंडो स्टेट पोर्टल बनाना है जो सौर पीवी सिस्टम, प्रक्रिया से संबंधित दिशानिर्देशों आदि के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी जैसे उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (GBI) और पूंजीगत सब्सिडी।

इससे देश में पहली बार उपभोक्ताओं को कम्युनिटी सोलर और पीयर-टू-पीयर ट्रेडिंग का अवसर भी मिलेगा। मासिक उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (GBI) के तहत आवासीय, ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों, आरडब्ल्यूए, वाणिज्यिक और औद्योगिक (C&I) उपभोक्ताओं के लिए सिस्टम चालू होने की तारीख से पांच साल के लिए मासिक GBI मिलेगा, बशर्ते सिस्टम परिचालन अवधि (तीन साल) के भीतर चालू हो|

मासिक GBI क्या होगा ?

3 kWh तक के आवासीय सोलर सिस्टम के लिए 3 रुपये/kWh

3 kW से ऊपर और 10 kW तक के आवासीय सोलर सिस्टम के लिए 2 रुपये/kWh

सीजीएचएस और आरडब्ल्यूए के लिए 500 किलोवाट (प्रति घर 10 किलोवाट पर) तक सौर प्रणाली वाले आरडब्ल्यूए के लिए 2 रुपये/kWh उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाएगा।

पहली बार 200 मेगावाट सौर परिनियोजन (deployment) के लिए C&I उपभोक्ताओं को 1 रुपये/kWh की प्रारंभिक GBI दी जाएगी।

आवासीय उपभोक्ताओं को, पूंजीगत सब्सिडी के तहत प्रति उपभोक्ता 2,000 रुपये प्रति किलोवाट रुपये की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम 10,000 रुपये होगी और बिजली बिलों में एडजस्ट की जाएगी।

रूफ टॉप सोलर (RTS) से उत्पादन पर कर और शुल्क नहीं लगाया जाएगा, चाहे वह स्वयं के उपभोग के लिए हो या ग्रिड को आपूर्ति के लिए।

First Published : December 29, 2022 | 8:01 PM IST