दिल्ली में कोवैक्सीन टीके की उपलब्धता न होने से टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ गए हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक कंपनी ने अब अतिरिक्त कोवैक्सीन देने से मना कर दिया है। दिल्ली सरकार को 18 से 45 उम्र के लोगों को अब तक 1.50 लाख कोवैक्सीन मिली है। इनमें से अब महज 16,900 खुराक बची हैं। कोविशील्ड की 6,67,690 खुराक में से 4,18,170 खुराक बची है। सोमवार को कुल 1,28,800 टीके लगाए गए। दिल्ली में अब तक कुल 41,64,612 टीके लग चुके हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने टीके के लिए केंद्र सरकार से वैश्विक निविदा निकालने की मांग की है। पिछले 24 घंटे में 17.03 फीसदी संक्रमण दर के साथ 13,287 कोरोना मामले आए और कोरोना से 300 लोगों की जान चली गई।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोवैक्सीन से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए बताया कि कोवैक्सीन ने दिल्ली सरकार को यह टीका उपलब्ध कराने से मना कर दिया है। कोवैक्सीन से मिले पत्र के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों की इजाजत के बिना दिल्ली सरकार को टीके उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं। सिसोदिया ने कहा कि इस पत्र ने साफ कर दिया है कि केंद्र्र सरकार यह तय करती है कि किस राज्य को कितनी मात्रा में टीके दिए जाएं। अगर केंद्र सरकार यह तय करती है तो उसकी जिम्मेदारी है कि सभी राज्यों में टीके की पर्याप्त आपूर्ति भी उपलब्ध कराए।
सिसोदिया ने बताया कि टीके की कमी से दिल्ली में बुधवार को 17 स्कूलों में 100 केंद्रों को बंद करना पड़ा है जहां कोवैक्सीन लगाई जाती थी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के 18 से 45 वर्ष के लोगों को टीके लगवाने के लिए 1.34 करोड़ टीके के ऑर्डर दिए थे। इसमें 67 लाख कोवैक्सीन और 67 लाख कोविशील्ड शामिल है। आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली को 11 मई को कोविशील्ड टीके की 2.67 लाख से अधिक खुराकें मिलीं। दिल्ली में 11 मई को कोविड-19 टीके की करीब 1.28 लाख खुराकें दी गईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 13 मई से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोवैक्सीन का टीका नहीं है और इस श्रेणी के लिए कोविशील्ड टीकों का केवल 9 दिनों का स्टॉक बचा है। इस बीच महाराष्ट्र में भी कोविड-19 रोधी टीके की कमी के कारण राज्य सरकार ने 18 से 44 उम्र समूह के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान को अस्थायी तौर पर रोकने और टीके की उपलब्ध खुराकों का इस्तेमाल 45 साल से ज्यादा समूह के लिए करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस बारे में बताया। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि कोविड-19 टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदा निकाली जाएगी।
भारत बायोटेक निराश
भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि कोविड टीकों की आपूर्ति के संबंध में कंपनी की नीयत को लेकर कुछ राज्यों द्वारा शिकायत किया जाना काफी निराशाजनक है। भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने ट्वीट किया कि कंपनी पहले ही 10 मई को 18 राज्यों को कोवैक्सीन टीकों की खुराकें भेज चुकी है। उन्होंने लिखा, ‘कम यातायात सुविधाओं के बावजूद 18 राज्यों को टीके की खुराकें पहुंचाई गई हैं। कुछ राज्यों द्वारा हमारी मंशा के बारे में शिकायत किया जाना निराशाजनक है। कोविड के चलते हमारे कई कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं फिर भी हम आपके लिए लॉकडाउन के बीच हर समय काम कर रहे हैं।’ हैदराबाद में स्थित भारत बायोटेक आंध्र प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, असम, जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड और दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत 18 राज्यों को टीकों की आपूर्ति कर रही है।
मदद को तैयार ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 रोधी टीकों के विनिर्माण के लिए जमीन और जरूरी मदद उपलब्ध कराने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में बनर्जी ने यह भी कहा कि उदारता और अग्र-सक्रियता के साथ टीकों का आयात किया जाना चाहिए। ममता ने कहा, ‘देश में टीकों का उत्पादन पूरी तरह अपर्याप्त है। वैश्विक स्तर पर अब कई विनिर्माता हैं ऐसे में प्रामाणिक विनिर्माताओं की पहचान करना तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से उनसे टीकों का तुरंत आयात किया जाना संभव है।’