दिल्ली सरकार धूल से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती करने जा रही है। सरकार दिल्ली में गुरुवार से इस माह धूल विरोधी अभियान चलाएगी।
इसके तहत निर्माण स्थलों पर निर्माण गतिविधियों की निगरानी कर दिशा-निर्देशों के पालन की जांच करेगी। निर्माण एजेंसियों को निर्माण स्थलों पर 7 अक्टूबर से निर्माण संबंधी 14 नियमों को लागू करना जरूरी होगा। नियमों का उल्लंघन होने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार निर्माण स्थल के आकार के आधार पर 10 हजार से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। इससे ज्यादा भी जुर्माना लगाया जा सकता है। दिल्ली सरकार सीऐंडडी वेस्ट के सेल्फ ऑडिट और प्रबंधन के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी गुरुवार को लॉन्च करेगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि धूल से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में 7 से 29 अक्टूबर तक धूल विरोधी (एंटी डस्ट) अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए 31 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें डीपीसीसी के इंजीनियरों की 17 टीमें हैं जो कि विभिन्न जिलों में काम करेंगी।
इसके अलावा ग्रीन मार्शल की 14 टीमें हैं, जो कि मोबाइल वैन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में निगरानी का काम करेंगी। सभी शिकायतों को ग्रीन ऐप पर अपलोड किया जाएगा। ग्रीन वार रूम से इनकी निगरानी करके समस्या को दूर करने का काम किया जाएगा।
इसके बाद भी लापरवाही बरतते हैं तो पहले कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा। स्पष्टीकरण नहीं देने पर जुर्माना लगाया जाएगा। अगर फिर भी प्रदूषण जारी रहता है तो काम बंद करने का भी निर्णय डीपीसीसी के जरिए लिया जाएगा।