उप्र में ई-टेंडरिंग से होगा कमाल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:43 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार अब सूचना तकनीक का प्रयोग करके जल्द से जल्द राज्य को  देश के प्रमुख विकसित राज्यों में शुमार करना चाहती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ई-प्रशासन में नित नए आयामों को जोड़ रही है।


सरकार ने राज्य में ई-प्रशासन के तहत अगले वित्त वर्ष से ई-टेंडरिंग की घोषणा है। सरकार का कहना है कि ऐसा करके निविदाओं की सरकारी एजेंसियों और विभागों द्वारा अधिप्राप्ति में पारदर्शिता बरती जा सकेगी। इस तरीके से ई-टेंडरिग के जरिये पार्टियां कानूनी और प्रशासनिक उलझनों से बचते हुए आसान तरीके से टेंडर में भाग ले सकेंगी।  साथ ही ऐसा होने से भारी दफ्तरी काम को भी समाप्त किया जा सकेगा।

अधिकारियों का मानना है कि ई-प्रशासन को सफल बनाने के लिए राज्य के छह विभागों में पहले से ही ई-टेंडरिंग और ईमेल के जरिये सरकारी खरीद एक पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत चालू है। इन विभागों में लोक निर्माण विभाग, आईटी, इलेक्ट्रानिक्स, चिकित्सा व स्वास्थ्य, औद्योगिक और वर्ल्ड बैंक से जुडी योजनाएं है।

राज्य के संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स के मुख्य सचिव वी एन गर्ग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है कि यह पायलट प्रोजेक्ट सिंतबर तक समाप्त हो जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट में पहला ई-टेंडर लोक निर्माण विभाग में पिछले महीने की 1 जून से शुरु किया जा चुका है। उपभोक्ताओं को इस बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अपनी एक वेबसाइट डब्लयू डब्लयू डब्लयू डॉट ईटेंडर डॉट यूपी डॉट एनआईसी डॉट इन भी जारी की है। 

First Published : July 8, 2008 | 1:33 AM IST