छत्तीसगढ़ सरकार इस साल नवंबर में होने वाले विधान सभा चुनाव तक कवर्धा में लौह-अयस्क खान के आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगाने की योजना बना रही है। जबकि इसके उलट दुनिया के सबसे बड़े स्टील निर्माता आर्सेलर-मित्तल, टाटा स्टील और तीन अन्य कंपनियां कवर्धा जिले में लौह अयस्क खान को हासिल करने की होड़ में जुटी हैं।
छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘फिलहाल कवर्धा में लौह अयस्क खान के आवंटन फैसले को लंबित रखा गया है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी राज्य विधान सभा चुनाव के बाद फैसला किया जाएगा।’
कवर्धा में लौह अयस्क खान को हासिल के लिए शुरुआत में लगभग 30 कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही थीं। लेकिन बाद में सिर्फ 8 कंपनियों ने ही प्रस्ताव पेश किए। जब अगस्त में बोली प्रक्रिया शुरू हुई थी तो उसके बाद इस्पात इंडस्ट्री और भूषण स्टील को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
जबकि आर्सेलर-मित्तल, टाटा स्टील, जिंदल सॉउथ वेस्ट (जेएसडब्लू), शारदा ऊर्जा और खनिज लिमिटेड, आधुनिक स्टील लिमिटेड और जय श्री बालाजी स्टील प्रा.लि. सिर्फ दौड़ में अभी भी बने हुए हैं। पिछले सप्ताह जेएसडब्लू दौड़ से बाहर निकल आई थी। उसका कहना था कि खान आवंटन की प्रक्रिया में बेवजह देरी की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार खान का आवंटन किसी स्थानीय कंपनी के नाम करने के लिए इच्छुक है।