हिमाचल को शिक्षा का केंद्र बनाने की कवायद

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 6:42 PM IST

हिमाचल प्रदेश के निकट भविष्य में शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनने की पूरी संभावना है।
राज्य में उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में दो साल में लगभग 1000 करोड़ रुपये के सरकारी निवेश का प्रस्ताव है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी 600 से 700 करोड़ रुपये का निवेश होना है।
राज्य के उच्च शिक्षा निदेशालय के प्रवक्ता के अनुसार शैक्षिक विकास के चलते राज्य में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) स्थापित करने की योजना जहां अपने अंतिम चरण में है, वहीं छात्रों के बीच व्यावसायिक पाठयक्रमों की लोकप्रियता को भुनाने के लिए राज्य में दो निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
इनके अलावा कांगड़ा जिले के छेब में फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान भी बनाए जाने की योजना है। राज्य में इंजीनियरों की खेप तैयार करने के लिए मंडी जिले में आईआईटी के निर्माण में सरकार 760 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। व्यावसायिक और रोजगारपरक पाठयक्रमों को बढ़ाने के लिए राज्य के 9 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में लगभग 22.50 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
वहीं राज्य के लगभग 13 आईटीआई संस्थानों के आधुनिकीकरण की भी योजना है। इनमें से चार के आधुनिकीकरण के लिए लगभग 8 करोड़ रुपये का निवेश केंद्र सरकार की तरफ से होना है।
पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए राज्य सरकार ने छात्रावास निर्माण और छात्रवृत्ति योजनाओं में 10 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक ओ पी शर्मा का कहना है कि ‘हिमाचल प्रदेश कुछ सालों के भीतर ही देश के सबसे बड़े शैक्षिक केंद्रो में शुमार हो जाएगा।

First Published : March 3, 2009 | 2:23 PM IST