उप्र बजट में चुनावी वादों को पूरा करने पर जोर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:41 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को विधानसभा में पेश किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर प्रदेश के सालाना बजट का कुल आकार 6,15,518.97 करोड़ रुपये का है। बजट में योगी सरकार ने विधानसभा चुनावों के दौरान जारी लोक संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए खासी धनराशि का आवंटन का किया है। इस बार के बजट में 81,177 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.96 फीसदी है।
उत्तर प्रदेश के बजट में औद्योगिक गलियारों, मेट्रो सेवाओं और एक्सप्रेस वेज के लिए भारी भरकम राशि का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री गतिशक्ति परियोजना, अयोध्या के श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ ही डिजिटल फाइबर नेटवर्क की स्थापना के लिए धन का आवंटन किया गया है। गन्ना किसानों के भुगतान के 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 7,000 करोड़ रुपये जबकि मुख्यमंत्री आवास योजना के लिए 508 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रदेश को कुल 5,90,951 करोड़ रुपयों की प्राप्तियों का अनुमान है, जिसमें 4.99 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां व 91,739 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। राज्य वस्तु एवं सेवा कर के साथ मूल्य संवर्धित कर (वैट) से 1.24 लाख करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति का अनुमान है जबकि आबकारी शुल्क से 49,152 करोड़ रुपये, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क से 29,692 करोड़ रुपये व वाहन कर से 10,887 करोड़ रुपये के राजस्व मिलने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 39,181.10 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं। खन्ना ने बताया कि राजस्व प्राप्तियों में करों का अंश 3.67 लाख करोड़ रुपये है। इसमें राज्य का कर राजस्व 2.20 लाख करोड़ तो केंद्रीय करों का अंश 1.46 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
प्रदेश सरकार ने बजट में कानपुर में मेट्रो परियोजना के लिए 747 करोड़ रुपये और आगरा मेट्रों के लिए 597 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसी के साथ वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के 100 करोड़ रुपये बजट प्रावधान किया गया है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिट रोड ट्रांसपोर्ट परियोजना के लिए 1306 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
प्रदेश के सभी ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वेज के किनारे औद्योगिक गलियारों के लिए पहले चरण में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 695.34 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
बजट में उज्ज्वला योजना के तहत सालाना दो मुफ्त गैस सिलिंडर देने के साथ ही अंत्योदय कार्ड धारकों को निशुल्क राशन, चना, रिफाइंड तेल व नमक देने के लिए 6,571.13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मु यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 12.68 लाख पात्र लड़कियों को 15,000 रुपये की सहायता देने के लिए बजट में 1,200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए 600 करोड़ रुपये, मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 479 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक बहुत इलाकों के विकास के लिए 508 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रयागराज में 2025 में होने वाले कुंभ के लिए अभी से तैयारियां शुरु करने के निर्देश के साथ ही बजट में इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। प्रदेश के बजट में वाराणसी व अयोध्या में पर्यटन विकास के लिए 100-100 करोड़ का आवंटन किया गया है। इसी के साथ राम मंदिर तक पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये, अयोध्या में जनसुविधाओं व पार्किंग के लिए 209 करोड़ रुपये और वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक मार्ग के विस्तारीकरण के लिए 77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसे प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं और प्रदेश की समग्र विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान जारी किए गए लोक कल्याण संकल्प पत्र की 130 घोषणाओं में से 97 घोषणाओं को इसमें स्थान दिया है जिसके लिए 54883 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के तहत राज्य सरकार ने आगामी 10 सालों में 10 लाख करोड़ रूपये के  निवेश आकर्षित करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के अन्तर्गत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं हेतु 897 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जबकि  आप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क पर पूँजीगत परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने वाली पूँजीगत परियोजनाओं हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

First Published : May 27, 2022 | 12:26 AM IST