खेत-खलिहान बनेंगे पर्यटन स्थल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:46 AM IST

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा तैयार की गई कृषि-पर्यटन की योजना को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है।


इस योजना का मकसद ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना और देश विदेश के पर्यटकों को ग्रामीण अंचलों तक खींच कर लाना और स्थानीय हस्तशिल्प, लोक संगीत से रूबरू कराने के साथ ही ग्रामीण खाने स्वाद चखाना है।

इससे पहले सीआईआई ने दिल्ली स्थित यस बैंक की क्रियात्मक पहल और सलाहकार प्रशासन (एसआईजी) के साथ समझौता किया था। एसआईजी ने पिछले साल शोध पूरा किया और यहां इसी विषय पर एक और शोध जारी है। एसआईजी ने अपनी शोध रिपोर्ट सीआईआई को सौंप दी है। पूरी कवायद का मकसद कृषि पर्यटन को राज्य के लिए फायदेमंद बनाना है। यस बैंक द्वारा तैयार रिपोर्ट में कृषि को पर्यटन से जोड़ने का सुझाव दिया गया है।

इसके तहत किसी स्थान को मॉडल के तौर पर लिया जाएगा। यहां के किसान एक सहकारी संस्था का गठन करेंगे और स्थान के विकास के लिए काम करेंगे। इस स्थान का विकास संयुक्त रूप से भी किया जा सकता है। इसका अर्थ है कि जमीन किसी एक व्यक्ति की होगी और उसका विकास अन्य लोगों के जरिए किया जाएगा। इसके अलावा पर्यटकों को वहां लाने और उनकी खातिरदारी का काम एक तीसरा समूह कर सकता है।

सीआईआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अध्ययन के नतीजे सकारात्मक हैं, हालांकि सीआईआई औपचारिक घोषणा के बाद ही इस बारे में अधिक खुलासा करना चाहती है। रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से पहले सीआईआई की आंतरिक समिति शोध के नतीजों का अध्ययन कर रही है।

चैंबर को उम्मीद है कि अगले महीने के अंत तक शुरुआती काम को पूरा कर लिया जाएगा और शोध रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री को सौंप दिया जाएगा। इस अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए सीआईआई उत्तर प्रदेश के पर्यटन और कृषि विभाग के साथ भी बातचीत कर रही है।

First Published : June 22, 2008 | 11:24 PM IST