किसानों को कर्ज माफी नहीं, दाम चाहिए

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 11:02 PM IST

महाराष्ट्र सरकार की लगभग 6,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी योजना भी विदर्भ के किसानों को नहीं लुभा पा रही है।


विदर्भ के किसानों की ऋण माफी में कोई दिलचस्पी नहीं है । पिछले साल इस क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण किसान इस क्षेत्र को सूखा ग्रस्त घोषित करने की भी मांग कर रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में ही राज्य सरकार ने किसानों का ऋण माफ करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।


दिलचस्प यह है कि विदर्भ  के किसानों की बुरी हालत को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने यह घोषणा की थी। लेकिन इस योजना का लाभ विदर्भ के मात्र  40 फीसदी किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल पाया था। केंद्र सरकार की योजना के बाद बाकी किसानों को राहत देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इस पैकेज की घोषणा की है।

वर्धा जिले के वाईगांव के रामकृष्ण वाल्के ने बताया, ‘अगर क्षेत्र में ठीकठाक बारिश होती थी तो वह 20 क्विंटल सोयाबीन का उत्पादन करते थे। लेकिन इस बार मानसून के आने में हुई देरी और कम बारिश के कारण खेतों में मात्र 5 क्विंटल सोयाबीन का ही उत्पादन हुआ।’

उन्होंने कहा कि अब इस सीजन में वह तभी फसल बो सकते हैं जब सरकार उन्हें मुआवजा दे। वर्धा जिले के ही दाहेगांव के गजानन के पास सिर्फ 2 एकड़ जमीन है। जिसमें 3 क्विंटल कपास की फसल ही हो पाई। हालांकि ठीकठाक बारिश होने पर यह आंकड़ा 15-16 क्विंटल होता है।

डोरली गांव की हंसाबाई मोहिते ने बताया कि इस साल की फसल पूरी खराब हो गई । इसीलिए उनके दोनों बेटे काम की तलाश में पुणे चले गए। अगर सरकार इस क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करेगी तो किसानों को ज्यादा सुविधाएं मिल पाएंगी।

First Published : January 25, 2009 | 8:42 PM IST