ऐतिहासिक धरोहरों और रेत के समंदर से राजस्थान देसी विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ बॉलीवुड को भी खींचता रहा है, लेकिन राज्य में फिल्म सिटी के नाम पर फिल्म जगत भी ठंडा रुख ही दिखाता है।
हालांकि 2005 में राजस्थान सरकार और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए)ने जयपुर में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया था, लेकिन यह सिटी अभी फाइलों में ही दबी हुई है। पिछली मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 20 करोड़ रुपये की लागत से तकरीबन 1,000 एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया था।
इसकी योजना तो उनसे भी पहले अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने ही तैयार कर दी थी। लेकिन जयपुर-आगरा हाईवे पर सुमेल गांव में प्रस्तावित इस फिल्म सिटी का काम इंच भर भी आगे नहीं बढ़ सका है।
योजना की घोषणा होते समय तो बीकानेर से लोकसभा पहुंचे अभिनेता धमर्द्र ने भी खासी सरगर्मी दिखाई थी, लेकिन बाद में सारा जोश ठंडा पड़ गया।
जेडीए के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बॉलीवुड का उत्साह देखकर शुरुआत में राज्य सरकार ने फिल्म सिटी के लिए दो उच्च स्तरीय समिति भी बनाई थीं, लेकिन बाद में फिल्म जगत ने ही बेरुखी दिखाई।
फिल्म सिटी की मार्केटिंग के लिए जेडीए अधिकारियों का दल दो बार मुंबई जा चुका है, लेकिन कोई ठोस नतीजा हासिल नहीं हुआ। दिलचस्प है कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में ऑस्ट्रेलियाई कंपनी मूवी वर्ल्ड ने मुख्यमंत्री के सामने एक विस्तृत रिपोर्ट भी रखी थी।
जेडीए अधिकारी के मुताबिक इसमें फिल्म सिटी में एक पांच सितारा होटल, फिल्म स्टूडियो, फिल्म प्रोसेसिंग लैब, ट्रांसमिशन केंद्र और ऐनिमेशन सेंटर बनाने की बात कही गई थी। लेकिन परियोजना के सर्वेक्षण और विस्तृत रिपोर्ट को लेकर सरकार तथा कंपनी के बीच विवाद खड़ा हो गया।
कंपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने से पहले उस पर आने वाला खर्च मांग रही थी और सरकार ने खर्च रिपोर्ट देखने के बाद देने की बात कही। इसके बाद परियोजना खटाई में पड़ गई और फि ल्म सिटी के निर्माण की गाड़ी जयपुर में आज तक आगे नहीं बढ़ सकी है।